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रविवार, 17 नवंबर 2013

नन्‍हे जादू की आवाज़ में कहानी 'बादल भाई' (बाल दिवस विशेष)

"
'कॉफी-हाउस' के पाठकों के लिए इस बार की प्रस्‍तुति ज़रा अलग है।

कथा-पाठ के इस ब्‍लॉग में हर सप्‍ताह हम किसी एक कहानी का पाठ करते हैं। ये 'बाल-दिवस' का सप्‍ताह है। इसलिए 'कॉफी-हाउस' के दोनों वाचकों ने अपनी जगह ख़ाली कर दी है और इस बार कथा-पाठ का जिम्‍मा संभाला है इस टोली के सबसे नन्‍हे सदस्‍य यानी 'जादू' जी ने।
जादू जी से बहुत सारे लोग परिचित हैं उनके दो ब्‍लॉगों के ज़रिये। एक तो ये और दूसरा है ये। 
इन दोनों ब्‍लॉगों पर जादू जी की तमाम गतिविधियों और उनसे जुड़ी जानकारियों का लेखा-जोखा है।

बहरहाल.. इस बार प्रस्‍तुत है बच्‍चों की एक कहानी 'बादल भाई'.... 'जादू' की आवाज़ में। यहां आपको बता दें कि इस कहानी को 'कॉफी हाउस' की तमाम कहानियों की तरह डाउनलोड करके साझा किया जा सकता है।

Story: Baadal Bhai
Writer: Yunus Khan
Voice: Jadoo
Duration: 3:15



एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे।


उम्‍मीद है कि नन्‍हे जादू की ये प्रस्‍तुति आपको पसंद आयेगी।
ये रही डाउनलोड कडियां

डाउनलोड कड़ी एक
डाउनलोड कड़ी दो


ये भी कह दें कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करके अपने मित्रों-आत्‍मीयों के साथ बांट सकते हैं। साझा कर सकते हैं। कोई समस्‍या है तो ये ट्यूटोरियल पढ़ें

अब तक की कहानियों की सूची- 

महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी 'एक जीवी एक रत्‍नी एक सपना'

तो अब अगले रविवार मिलेंगे, किसी और रोचक कहानी के पाठ के साथ। आप डाउनलोड करके कहानियों को साझा कर रहे हैं ना। एक छोटा-सा काम और कीजिएगा। 'कॉफी-हाउस' के बारे में अपने साथियों को अवश्‍य बताईयेगा। 
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'कॉफी-हाउस' के पाठकों के लिए इस बार की प्रस्‍तुति ज़रा अलग है।

कथा-पाठ के इस ब्‍लॉग में हर सप्‍ताह हम किसी एक कहानी का पाठ करते हैं। ये 'बाल-दिवस' का सप्‍ताह है। इसलिए 'कॉफी-हाउस' के दोनों वाचकों ने अपनी जगह ख़ाली कर दी है और इस बार कथा-पाठ का जिम्‍मा संभाला है इस टोली के सबसे नन्‍हे सदस्‍य यानी 'जादू' जी ने।
जादू जी से बहुत सारे लोग परिचित हैं उनके दो ब्‍लॉगों के ज़रिये। एक तो ये और दूसरा है ये। 
इन दोनों ब्‍लॉगों पर जादू जी की तमाम गतिविधियों और उनसे जुड़ी जानकारियों का लेखा-जोखा है।

बहरहाल.. इस बार प्रस्‍तुत है बच्‍चों की एक कहानी 'बादल भाई'.... 'जादू' की आवाज़ में। यहां आपको बता दें कि इस कहानी को 'कॉफी हाउस' की तमाम कहानियों की तरह डाउनलोड करके साझा किया जा सकता है।

Story: Baadal Bhai
Writer: Yunus Khan
Voice: Jadoo
Duration: 3:15



एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे।


उम्‍मीद है कि नन्‍हे जादू की ये प्रस्‍तुति आपको पसंद आयेगी।
ये रही डाउनलोड कडियां

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अब तक की कहानियों की सूची- 

महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी 'एक जीवी एक रत्‍नी एक सपना'

तो अब अगले रविवार मिलेंगे, किसी और रोचक कहानी के पाठ के साथ। आप डाउनलोड करके कहानियों को साझा कर रहे हैं ना। एक छोटा-सा काम और कीजिएगा। 'कॉफी-हाउस' के बारे में अपने साथियों को अवश्‍य बताईयेगा। 

31 टिप्पणियाँ:

  1. जादू की आवाज सध चुकी है। र का कभी ल में और कभी ड़ में परिवर्तन ग घ में परिवर्तन कहानी में बालसुलभता को प्राकृतिक बना रहा है। जादू और जादू के पापा को मुबारकबादें, और जादू की मम्मी को भी, जादू ने उन का उल्लेख नहीं किया, लेकिन जादू की आवाज जो सधी है उस में सर्वाधिक योगदान उन का ही रहा होगा।

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  2. अभी तक जितनी कहानियां यहाँ सुनायी गयी हैं , मुझे सबसे अच्छी जादू की कहानी लगी ! इतनी कि इस कहानी को दो बार सुना ! बहुत प्यारी बचपन की आवाज़ में बादल भाई को सुन कर मज़ा आया ! जादू ने कहानी में उतार चढ़ाव भी डाले हैं ...जो बहुत सुन्दर लगते हैं ! जैसे बहुत , थोड़ी , किसी ...आदि शब्दों को खींचकर जादू ने पक्के कहानी कहने वाले के पक्के गुण दिखाए हैं ! जादू को बहुत प्यार ... छोटा जादूगर !

    जवाब देंहटाएं
  3. जादू...आपकी कहानी हमे बडी प्यारी लगी...आप कहानी सुनाने का अंदाज और भी प्यारा था..और आपको ढेर सारा प्यार हमारी तरफ से..!!

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  4. जादू जी की यह कहानी हमें बहुत पसन्द आई। महीने में कम से कम एक रविवार जादूजी की कहानी सुनवाने की मांग करते हैं।
    गुजराती में एक कहावत है मोर ना इंडा चितरवा नी पड़े (मोर के अंडों को रंगने की जरूरत नहीं पड़ती) उसको अपने कहानी पढ़ने के तरीके से जादूजी ने सही साबित किया है।

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  5. मैं हु बादल नाचूं गाउं .... बड़साउं ...थोडी...हमला SSSSs....
    जादू जी आप्ने तो कमाल कर दिया ...छुट्टी कर दी .... सारे कथा वाचकों की ..... शुभकामनाएँ ...

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  6. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  7. आपकी कहानी ,उसको सुनाने का तरीका ,और बालसुलभ आवाज़ ने मन मोह लिया | धन्यवाद और बधाई जादू के पापा मम्मी को की आज के अंग्रेजीदां ज़माने में जादू को इतनी अच्छी हिंदी सिखाई और उसमें कहानी कहने की कला भी | अगर हर माता पिता इस बात का इतना ही ध्यान रखें तो हिंदी दिवस मनाने की नौबत ही नहीं आएगी |जादू अपना ये हुनर इसी तरह आगे बढाएं अगले हफ्ते हम नई कहानी आपके मुंह से सुनाने का इंतज़ार बेहद उत्सुकता से करेंगे | स्नेहाशीष

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  8. लो जी हमने आज तक कॉफी हाऊस की कोई कहानी नहीं सुनी....पर जादू का जादू हमें यहां खींच लाया..सच कहूं तो मजा आ गया...इतनी सधी हुई आवाज में पूरी कहानी जादू ने सुनाई...पूरे उतार चढ़ाव के साथ...उच्‍चारण में जो बालसुलभ अनगढ़ता थी वह इसका असली मर्म था। कहानी के लेखक यानी जादू के पापा को भी बधाई कि उन्‍होंने यह सुंदर कहानी सरल शब्‍दों में लिखी।

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  9. मैं हूँ बादल नाचूँ गाऊं..
    धरती पर पानी बरसाऊं

    सहेज रहे हैं इस जादुई कहानी को. :-)

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  10. हम तो जादू जी की आवाज के मुरीद हो गये, बिल्कुल बनावट नहीं, हम सारी कहानियाँ उतार लेते हैं और फिर सुनते रहते हैं, बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

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  11. सार्थक जीवन का मूल प्रश्न यही है : क्या तुम दूसरों का भला करते हो ?
    जादू के पापा की अच्छी कहानी और जादू का बेहतरीन पाठ .आवाज़ की स्पष्टता और स्वर के उतार-चढ़ाव के क्या कहने. शाबास जादू ! बहुत-बहुत आशीष ! आगे और सुनेंगे .

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  12. जादू का स्वर इतना प्यारा है के दोबारा कहानी सुनने आना पडा :))

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  13. "इस कहानी से हमको ये सीख मिलती है कि दूसरों को भला करते हैं तो अपना भी भला होता है. अब मैं चला टॉफ़ी खाने ! बाय. "

    घर में एक जादू हो तो पूरी दुनिया जादुई होती है न ?
    सुबह से दस बार सुन चुके हैं. हमको भी याद हो गयी है ये कहानी.

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    उत्तर
    1. चलो अब अपनी क्‍लास में सुनवाना।

      हटाएं
    2. हमारे घर में आज 'जादू'गरी मची है सुबह से. जादू के फैन क्लब में ममा -पापा शामिल हुए हैं.

      :-)

      हटाएं
  14. कमाल है जादू, इतना साफ़ तलफ्फुज और इतना बढ़िया लहजा ! आज तो यह वाकई चरित्राथ हो गया कि होनहार बीरवान अपने चीकने पात से शुरू में ही अपनी प्रतिभा का पता दे देते हैं ! बधाई और आशीर्वाद !

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  15. जादू तो आपका भी गुरु है.. आपकी कुर्सी पर खतरा है युनुस भाई.. मजा आ गया.. :)

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  16. लोमड़ी शेर इंसान किसी पर भी बारिश नहीं होगी? कैसे चलेगा?

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  17. जादू ने तो कमाल कर दिया!
    आप दोनों के 'कान काटेगा' बताये देता हूँ

    मज़ाक है क्या! अरे हमारी गोद में खेला है वो :-)

    ईश्वर उसे स्वस्थ सानंद रखे

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  18. majhe jadoo ki badal wali kahani, jisko jadoo k papa ne likha aur jadoo ne sunaya tha, bahut bahoooot acchi lagi.

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  19. बहुत बहुत बहुत बहुत खूब जादू डियर...!!

    जवाब देंहटाएं
  20. शाबास जादू बहुत बहुत बधाई और आशीर्वाद !

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  21. '' होनहार बिरवान के .... '' जादू ने तो कमाल कर दिया !
    जादू आप दोनों से आगे जायेंगे !
    खुश रहो बच्चे ! दुआएं ! आशीष !

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  22. बहुत सुंदर प्रस्तुति....जादु की जादुई आवाज.....

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  23. अविश्वसनीय. Incredible. Such a modulation of Voice, with range of Notes.
    ये तो संभव है मात्र इस बात से कि अभिमन्यु की तरह जादू नें भी गर्भ में ही संस्कार प्राप्त कर लिये हैं.

    सुरों के उतार चढाव और सही जगह पर Punctuation से इस निर्म और सजीव प्रस्तुति नें चार चांद लग दिये हैं.

    जदू का भी फोटू साईड में लग दें. In his own right.

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  24. "और बादल ने थोडा सा पानी बरसा दिया ..."
    वैसे ही जादू ने आवाज का जादू बिखेर दिया और हम सब उस जादू में बंध गए...प्यारी सी आवाज़ में सुन्दर सी कहानी

    जवाब देंहटाएं
  25. नन्हे जादू? ........नन्हे? .....नन्हे शब्द से कमसिन का नहीं, नादान का बोध होता है, और हमारे जादू जी कमसिन भले हैं, नादान नहीं। कम से कम माइक के सामने तो बड़े-बड़े दानिश्वरों के कान काट ले गए। जीते रहो। एक दिन तुम्हारे पापा से कहा था, आज तुमसे कह रही हूँ --- जियो द्वारका! क्या चीज़ सुनायी है!!!

    जवाब देंहटाएं
  26. वाह, क्‍या बात है। यह सुनने से ताल्लुक रखती है, और कुछ भी कहना इसके जादू को कम करना है।

    जवाब देंहटाएं
  27. " डाक्टर मामा "1 दिसंबर 2013 को 4:03 pm बजे

    जादू !

    इस बार हम क्या बोलें ?

    तुम्हारा जादू खुद ही बोल रहा है यहाँ सब के सिर चढ़ कर !

    जवाब देंहटाएं