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रविवार, 29 सितंबर 2013

इस बार महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा' (स्‍वर ममता सिंह)

कथा-पाठ के ब्‍लॉग 'कॉफी-हाउस' का आग़ाज़ 9 जून को किया गया था। यानी तब से तकरीबन सोलह हफ्ते हो गये, हम हर सप्‍ताह एक कहानी के पाठ के साथ आपके सामने हाजि़र हो रहे हैं। ये याद करने की वजह है...'कॉफी-हाउस' का आग़ाज़ महादेवी वर्मा की रचना 'गिल्‍लू' से किया गया था। एक दिन कथाकार मित्र पंकज सुबीर ने उन्‍हीं दिनों कहा था कि यहां कभी 'सोना हिरणा' भी सुनवाई जाए। इसलिए आज 'कॉफ़ी-हाउस' पर महादेवी वर्मा की रचना 'सोना हिरणा' पेश की जा रही है।

महादेवी की पुस्‍तक 'मेरा परिवार' के ये संस्‍मरण बेहद मार्मिक हैं। और 'कॉफ़ी-हाउस' में हमारा मन है कि धीरे-धीरे इस पूरी पुस्‍तक को ऑडियो रूप में प्रस्‍तुत कर दिया जाए।

आने वाले दिनों में 'कॉफी-हाउस' में आपको कई पीढियों के कथाकारों की रचनाएं सुनायी पड़ेंगी। हर्ष का विषय है कि लगभग सभी रचनाकार खुले हृदय से हमें अपनी रचनाएं पढ़ने की सहमति दे रहे हैं। सबका आभार।

'सोना हिरणा' को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से तकरीबन इक्‍कीस मिनिट निकालने होंगे। तो चलिए सुनते हैं ये रचना।

Story: Sona Hirna
Writer: Mahadevi Varma
Voice: Mamta Singh
Duration: 20 53


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डाउनलोड का तरीक़ा जानने के लिए ये ट्यूटोरियल देखें
तो अब 'कॉफी-हाउस में मुलाक़ात होगी अगले सप्‍ताह एक नयी कहानी के साथ।
हमेशा की तरह अब तक की कहानियों की सूची-


महादेवी वर्मा की रचना--
'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन' 

रविवार, 22 सितंबर 2013

अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन' (स्‍वर यूनुस ख़ान)

'कॉफी हाउस' में हर रविवार एक कहानी का वाचन लेकर हाजिर होते हैं। हमारा प्रयास है कि हम हर दौर की कहानियों का पाठ करें। और उन्‍हें डाउनलोड के लिए उपलब्‍ध करवाएं। ताकि आप उन्‍हें घर-परिवार या मित्रों-आत्‍मीयों के साथ सुन सकें। साझा कर सकें। इस बार हम लेकर आए हैं अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'।
इसे सुनने के लिए आपको अपनी व्‍यस्‍त दिनचर्या में से तकरीबन तेईस मिनिट निकालने होंगे।

सच्चिदानंद हीरानंद वात्‍स्‍यायन 'अज्ञेय' को हममें से ज्‍यादातर लोग

'शेखर, एक जीवनी' के रचनाकार के रूप में जानते हैं। कविताओं की उनकी दुनिया भी अद्भुत रही है। अज्ञेय को सन 1964 में 'आंगन के पार द्वार' काव्‍य-संग्रह के लिए 'साहित्‍य अकादमी' पुरस्‍कार दिया गया था। सन 1979 में उन्‍हें 'कितनी नावों पर कितनी बार' के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्‍कार दिया गया था। यू-ट्यूब पर अज्ञेय पर एक वृत्‍तचित्र मौजूद है। यहां देखिए। 

तो चलिए 'कॉफी हाउस' में आज सुनें 'अज्ञेय' की कहानी 'गैंगरीन'।


Story : Gangrene 
Writer: 'Agyeya'
Voice: Yunus khan 

Duration: 23 20 



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हमेशा की तरह अब तक की कहानियों की सूची-
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'

लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
 

तो अब मिलते हैं अगले रविवार एक नयी कहानी के साथ 

रविवार, 15 सितंबर 2013

प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत' (स्‍वर ममता सिंह का)

'कॉफी-हाउस' में हम हर हफ्ते एक कहानी लेकर हाजिर होते हैं।
जैसा कि हमने हमेशा कहते हैं कि हम हर दौर की कहानियां पढ़ना चाहते हैं।
'कथा-पाठ' का मक़सद यही है कि कहानियों को 'सुनने' का सिलसिला शुरू हो।

इस बार 'कॉफी-हाउस' में प्रस्‍तुत है प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'।

प्रत्‍यक्षा से आप भली-भांति परिचित हैं।
उनके दो कहानी संग्रह हैं--'पहर दोपहर ठुमरी' और 'जंगल का जादू तिल तिल'। प्रत्‍यक्षा का ब्‍लॉग यहां पढ़ा जा सकता है।
प्रत्‍यक्षा कविता और कहानियों की दुनिया की मुसाफिर हैं। उनके पास कहानी कहने का अपना एक मुहावरा है। उनकी कहानी में भी कविताई की छाप है। उनकी भाषा बड़ी ध्‍वन्‍यात्‍मक है। खनकती हुई-सी।
ज़ाहिर है कि 'कॉफी-हाउस' में उन्‍हें सुनकर आपको आनंद आयेगा।
हम शुक्रगुज़ार हैं कि उन्‍होंने अपनी कहानी 'कॉफी-हाउस' के लिए दी।

इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से तकरीबन बारह मिनिट निकालने होंगे।

Story: Balamva tum kya jaano preet
Writer: Pratyaksha
Voice: Mamta singh
Duration: 12:06

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कुछ मित्रों को कहानियां डाउनलोड करने में समस्‍या आ रही है। उनके लिए हमने एक पेज पर tutorial तैयार किया है। उसे देखने के लिए यहां क्लिक करें।  


हमेशा की तरह अब तक की कहानियों की सूची-
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी ‘आखिरी बातचीत'

तो अब मिलते हैं अगले रविवार। एक नयी कहानी के पाठ के साथ। 

रविवार, 8 सितंबर 2013

लू शुन की कहानी 'आखिरी बातचीत' (स्‍वर यूनुस खान)

'कॉफी हाउस' का मक़सद है जीवन में कहवा और कहानियों का संयोजन तैयार करना। जितनी देर में आप एक कॉफ़ी पीते हैं--उतने देर में एक कहानी भी सुनें। इसलिए तो हर रविवार हम लेकर आते हैं अपनी एक नयी प्रस्‍तुति।

लू-शुन को चीन का प्रेमचंद कहा जाता है। ज़रा दोनों की समानताएं देखिए।
लू शुन (1881-1936)  प्रेमचंद (1880-1936)

1936 में दोनों की मृत्‍यु एक ही महीने यानी अक्‍तूबर में हुई थी।
लू शुन 19 अक्‍टूबर। प्रेमचंद 8 अक्‍टूबर।

दोनों की तस्‍वीरें देखिए।


'कॉफी-हाउस' में हमने अब तक ना तो प्रेमचंद को पढ़ा और ना ही लू-शुन को। साफ़ है कि 'कॉफी-हाउस' अभी अपने शैशव में है। और धीरे-धीरे हम इन दोनों महान कहानीकारों की कहानियां पढ़ेंगे। आज लू-शुन की कहानी सुनिए। इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन से केवल दो मिनिट सैंतीस सेकेन्‍ड ही निकालने होंगे।

Story : Aakhiri baatcheet.
Writer: Lu Xun
Voice: Yunus Khan
Duration: 2 37


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हमेशा की तरह अब तक की कहानियों की सूची:

महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी

अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'

तो मिलते हैं अगले सप्‍ताह। एक नयी कहानी के साथ। 

रविवार, 1 सितंबर 2013

ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता' (स्‍वर ममता सिंह)

कथा-पाठ के ब्‍लॉग 'कॉफी-हाउस' के ज़रिये हम देश-विदेश की कहानियों को 'ऑडियो-रूप' में उपलब्‍ध करवा रहे हैं। हमने हमेशा कहा है कि ये कहानियां डाउनलोड करके अपने परिचितों और आत्‍मीयों के बीच बांटी जा सकती हैं। ख़ास मौक़ों पर उपहार में दी जा सकती हैं। इन्‍हें बच्‍चों को सुनवाया जा सकता है। और शायद कहानियों में उनकी दिलचस्‍पी पैदा की जा सकती है।

इस बार 'कॉफी-हाउस' में हम जिस कहानीकार की कहानी लेकर आए हैं--उसके चाहने वालों की तादाद हमेशा ख़ूब-ख़ूब रही है। देश-विदेश के फिल्‍मकारों ने उनकी कहानियों से प्रेरणा ली। तमाम भाषाओं में उनके अनुवाद हुए। ओ.हेनरी आज 'कॉफी-हाउस' में पहली बार आ रहे हैं। पर हमारा इरादा है कि उनकी बहुत सारी कहानियां यहां पढ़ी जायें। (तस्‍वीर साभार: इस साइट से)।

कहानियों के संदर्भ में ओ. हेनरी का ये कथन ग़ौर करने लायक़ है:

“I'll give you the whole secret to short story writing. Here it is. Rule 1: Write stories that please yourself. There is no Rule 2.”


इस बार पेश है ओ. हेनरी की कहानी--'आखिरी पत्‍ता'। इसे सुनने के लिए आपको अपनी व्‍यस्‍त जिंदगी में से तकरीबन बीस मिनिट निकालने होंगे।

Story: Aakhiri Patta
Translation of Origional Story: "The Last Leaf"
Writer: O. Henry
Voice: Mamta Singh
Duration: 20 03


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हमेशा की तरह ये बताना चाहेंगे कि इस कहानी को डाउनलोड किया जा सकता है। कोई दिक्‍कत हो तो बेहिचक बतायें।
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महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
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