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रविवार, 31 अगस्त 2014

नन्‍हे जादू की आवाज़ में कहानी 'लापरवाह पिंटू'

'कॉफी-हाउस' कहानियों के वाचन का ब्‍लॉग है।

दरअसल इसकी शुरूआत के पीछे कहीं ना कहीं हमारे सुपुत्र 'जादू जी' का भी योगदान है। जिन्‍हें हम दोनों को हर रात एक कहानी सुनानी पड़ती है। पहले हमने सोचा कि बाल कहानियों का एक डेटा-बेस तैयार किया जाए। पर फिर यही विचार 'कॉफी-हाउस' में बदल गया। बाल-कहानियां अभी भी हमारे ऐजेन्‍डे में है। बीच-बीच में कॉफी-हाउस पर हम बाल कहानियां पेश करते रहे हैं। आगे ये सिलसिला संभवत: नियमित हो जाए।

तो आज प्रस्‍तुत है नन्‍हे जादू की आवाज़ में कहानी 'लापरवाह पिंटू'। कहानी की अवधि तकरीबन तीन मिनिट है। और इस कहानी को आप अपने घर-परिवार या मित्र मंडली में बच्‍चों को सुनवा सकते हैं।

आपको बता दें कि जादू की आवाज़ में 'कॉफी-हाउस' पर कुछ कहानियां और हैं।
जैसे 'बादल' भाई'.. इसे सुनने के लिए यहां क्लिक करें। और 'बदमाश कौआ' सुनने के लिए यहां क्लिक करें।

Stroy: Laaparwaah Pintoo
Writer: Yunus Khan
Voice: Jadoo
Duration: 2 57


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ये भी कह दें कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करके अपने मित्रों-आत्‍मीयों के साथ बांट सकते हैं। साझा कर सकते हैं। कोई समस्‍या है तो ये ट्यूटोरियल पढ़ें

अब तक की कहानियों की सूची- 
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन' 
हुस्‍न तबस्‍सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
दुष्‍यंत की कहानी 'यार तुम भी बस' 
ग़ज़ाल ज़ैगम की कहानी 'नमस्‍ते बुआ' 
कविता राकेश की कहानी 'ज़ायका'।
संजय बोरूंडे की कहानी 'कुंआं' 
प्रेम भारद्वाज की कहानी 'प्‍लीज़ किल मी मम्‍मी' 
जयश्री राय की कहानी 'छुट्टी का दिन' 
रघुनंदन त्रिवेदी की कहानी 'सिफैलोटस'
शानी की कहानी 'जली हुई रस्‍सी' 

रविवार, 24 अगस्त 2014

गुलशेर अहमद ख़ां 'शानी' की कहानी 'जली हुई रस्‍सी' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कथा-पाठ' के ब्‍लॉग 'कॉफी हाउस' के ज़रिये हम कहानियों की दुनिया का अन्‍वेषण कर रहे हैं।

नियमित पाठक और श्रोता जानते हैं कि हमने यहां तरह-तरह की कहानियों का वाचन किया है। और हम कथा
के हर युग, हर भौगोलिक और भाषाई दायरे तक पहुंच रहे हैं। 'कॉफी-हाउस' का एक मक़सद ये भी है कि हम कहानियों के सुनने की परंपरा अपने घर-परिवार में विकसित करें। ठीक वैसे जैसे बाज़ार ने टेलीविजन धारावाहिकों के सपरिवार देखने की एक परंपरा तैयार कर ली है। हो सकता है कि ये मुश्किल सा मक़सद हो पर हमें लगता है कि आप सभी के सहयोग से हम इस तरह की परंपरा शुरू ज़रूर कर पायेंगे।


बहरहाल..आईये आज सुनते हैं गुलशेर अहमद ख़ां शानी की कहानी 'जली हुई रस्‍सी'।
शानी हिंदी के एक विरले कथाकार रहे हैं। हम उन्‍हें 'काला जल' के लिए याद करते हैं। पर उनका रचना संसार काफी व्‍यापक है। तो इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से केवल सोलह मिनिट निकालने होंगे। कहानी को डाउनलोड करके शेयर भी किया जा सकता है।

अगर कहानियां डाउनलोड करने या शेयर करने में दिक्‍कत हो तो बेहिचक यहां बतायें या हमारे ई मेल आई डी पर।

Story: Jali Hui Rassi
Writer: Gulsher Ahmed Khan "shaani"
Voice: Yunus Khan
Duration: 15:51



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अब तक की कहानियों की सूची- 
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन' 
हुस्‍न तबस्‍सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
दुष्‍यंत की कहानी 'यार तुम भी बस' 
ग़ज़ाल ज़ैगम की कहानी 'नमस्‍ते बुआ' 
कविता राकेश की कहानी 'ज़ायका'।
संजय बोरूंडे की कहानी 'कुंआं' 
प्रेम भारद्वाज की कहानी 'प्‍लीज़ किल मी मम्‍मी' 
जयश्री राय की कहानी 'छुट्टी का दिन' 
रघुनंदन त्रिवेदी की कहानी 'सिफैलोटस'। 

रविवार, 17 अगस्त 2014

रघुनंदन त्रिवेदी की कहानी 'सिफै‍लोटस' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफी-हाउस' में हम हर रविवार आपके लिए लेकर आते हैं एक नयी कहानी का पाठ।

आज रघुनंदन त्रिवेदी की कहानी प्रस्‍तुत है जिसका नाम है 'सिफैलोटस'। रघुनंदन हिंदी के महत्‍वपूर्ण कथाकार हैं। उन्‍होंने अपने अल्‍प जीवन में ज्‍यादा नहीं लिखा। पर पर्याप्‍त चर्चित हुए। हमारा इरादा 'कॉफी-हाउस' में उनकी और भी कहानियां पढ़ने का है।

आपको बता दें कि पिछले कुछ दो हफ्तों से हम लंबी कहानियां लेकर आ रहे थे। पर इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से तकरीबन 18 मिनिट निकालने होंगे। हालांकि 'कॉफी-हाउस' पर लंबी कहानियों का पाठ आगे भी किया जाता रहेगा।


Story: Sifailotus
Writer: Raghunandan Trivedi
Voice: Yunus Khan
Duration: 18 min.







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सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
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अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
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स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
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विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
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मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
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गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
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मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
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मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
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मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
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संजय बोरूंडे की कहानी 'कुंआं' 
प्रेम भारद्वाज की कहानी 'प्‍लीज़ किल मी मम्‍मी' 
जयश्री राय की कहानी 'छुट्टी का दिन' 

रविवार, 10 अगस्त 2014

जयश्री रॉय की कहानी 'छुट्टी का दिन' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफी हाउस' पर हम हर रविवार एक कहानी लेकर हाजिर होते हैं।

अपने सफ़र में हमने तरह-तरह की कहानियां पढ़ी हैं। इस दौरान एक प्रयोग है लंबी कहानियां पढ़ने का। इस क्रम में आपने अब तक दो लंबी कहानियां सुनी हैं। गीताश्री की कहानी 'लबरी' और प्रेम भारद्वाज की कहानी 'प्‍लीज़ किल मी'। आज इस क्रम की तीसरी कहानी प्रस्‍तुत है। ये है जयश्री राय की कहानी 'छुट्टी का दिन'।संयोग की बात ये है कि इसी नाम की एक अन्‍य कहानी हम 'कॉफी-हाउस' पर पहले भी पढ़ चुके हैं। वो शशिभूषण द्विवेदी की कहानी थी। इन नामों को हमने लिंकित कर दिया है। अत: नामों को क्लिक करके आप उन तक पहुंच सकते हैं।


चर्चित कथाकार जयश्री राय गोवा में रहती हैं। उनके उपन्‍यास हैं 'औरत जो नदी है', 'साथ चलते हुए' और हाल ही में प्रकाशित 'इकबाल'। उनके कहानी संग्रह हैं- 'अनकही', 'तुम्‍हें छू लूं ज़रा' और 'खारा पानी'। वे कविताएं भी लिखती रही हैं।

तो सुनिए उनकी कहानी 'छुट्टी का दिन'। कहानी की दो ऑडियो फाइल दी गयी हैं।
ताकि सुनने की सुविधा रहे।

Story: Chhutti Ka Din
Writer: Joyshree Roy
Duration: 29 31 (Two Parts of almost 15 Min)

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एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
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हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
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अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
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प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
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लैला मजनूं
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जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
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प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
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लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
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हुस्‍न तबस्‍सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
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ग़ज़ाल ज़ैगम की कहानी 'नमस्‍ते बुआ' 
कविता राकेश की कहानी 'ज़ायका'।
संजय बोरूंडे की कहानी 'कुंआं' 
प्रेम भारद्वाज की कहानी 'प्‍लीज़ किल मी मम्‍मी' 

रविवार, 3 अगस्त 2014

प्रेम भारद्वाज की कहानी 'प्‍लीज़ किल मी मम्‍मी' (आवाज़ ममता सिंह की)

'कॉफी-हाउस' पर हम हर रविवार किसी एक कहानी का पाठ लेकर हाजिर होते हैं।

एक बरस से थोड़े ज्‍यादा के अपने सफ़र में हमने तरह-तरह की कहानियों का वाचन प्रस्‍तुत किया। कुछ बहुत छोटी और कुछ बहुत लंबी कहानियां।
आज और अगले सप्‍ताह हम आपके लिए लेकर आ रहे हैं दो लंबी पर महत्‍वपूर्ण कहानियां।

इस बार प्रस्‍तुत है प्रेम भारद्वाज की कहानी 'मम्‍मी प्‍लीज़ किल मी'।
प्रेम भारद्वाज चर्चित साहित्यिक पत्रिका 'पाखी' के संपादक हैं और उनका कहानी संग्रह 'इंतज़ार पांचवें सपने का' प्रकाशित हो चुका है।

जैसा कि हमने पहले ही कहा कि कहानी लंबी है। इसलिए इसे दो भागों में बांट दिया गया है।
हर भाग के लिए अलग अलग प्‍लेयर लगाये हैं।
आप कहानी को डाउनलोड करके तसल्‍ली से सुन सकते हैं। और हां। साझा करना मत भूलियेगा।
कहानी की एम.पी.3 फाइलें इतनी छोटी हैं कि आसानी से सोशल नेटवर्किंग और मोबाइल नेटवर्किंग पर साझा हो सकती हैं।

इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से क़रीब पैंतीस मिनिट निकालने होंगे।

Story: Please, Kill Me Mummy
Writer: Prem Bharadwaj
Voice: Mamta Singh
Duration: 34 21 (two parts of aprox 17 min)

कहानी का पहला भाग


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आपकी राय और सुझावों का इंतज़ार। अगले रविवार एक और लंबी कहानी।

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महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
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अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन' 
हुस्‍न तबस्‍सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
दुष्‍यंत की कहानी 'यार तुम भी बस' 
ग़ज़ाल ज़ैगम की कहानी 'नमस्‍ते बुआ' 
कविता राकेश की कहानी 'ज़ायका'।
संजय बोरूंडे की कहानी 'कुंआं'