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रविवार, 22 सितंबर 2013

अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन' (स्‍वर यूनुस ख़ान)

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'कॉफी हाउस' में हर रविवार एक कहानी का वाचन लेकर हाजिर होते हैं। हमारा प्रयास है कि हम हर दौर की कहानियों का पाठ करें। और उन्‍हें डाउनलोड के लिए उपलब्‍ध करवाएं। ताकि आप उन्‍हें घर-परिवार या मित्रों-आत्‍मीयों के साथ सुन सकें। साझा कर सकें। इस बार हम लेकर आए हैं अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'।
इसे सुनने के लिए आपको अपनी व्‍यस्‍त दिनचर्या में से तकरीबन तेईस मिनिट निकालने होंगे।

सच्चिदानंद हीरानंद वात्‍स्‍यायन 'अज्ञेय' को हममें से ज्‍यादातर लोग

'शेखर, एक जीवनी' के रचनाकार के रूप में जानते हैं। कविताओं की उनकी दुनिया भी अद्भुत रही है। अज्ञेय को सन 1964 में 'आंगन के पार द्वार' काव्‍य-संग्रह के लिए 'साहित्‍य अकादमी' पुरस्‍कार दिया गया था। सन 1979 में उन्‍हें 'कितनी नावों पर कितनी बार' के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्‍कार दिया गया था। यू-ट्यूब पर अज्ञेय पर एक वृत्‍तचित्र मौजूद है। यहां देखिए। 

तो चलिए 'कॉफी हाउस' में आज सुनें 'अज्ञेय' की कहानी 'गैंगरीन'।


Story : Gangrene 
Writer: 'Agyeya'
Voice: Yunus khan 

Duration: 23 20 



एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे।


डाउनलोड कड़ी एक 
डाउनलोड कड़ी दो 


कहानियां डाउनलोड करने का तरीक़ा जानने के लिए यहां क्लिक करें।

हमेशा की तरह अब तक की कहानियों की सूची-
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'

लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
 

तो अब मिलते हैं अगले रविवार एक नयी कहानी के साथ 
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'कॉफी हाउस' में हर रविवार एक कहानी का वाचन लेकर हाजिर होते हैं। हमारा प्रयास है कि हम हर दौर की कहानियों का पाठ करें। और उन्‍हें डाउनलोड के लिए उपलब्‍ध करवाएं। ताकि आप उन्‍हें घर-परिवार या मित्रों-आत्‍मीयों के साथ सुन सकें। साझा कर सकें। इस बार हम लेकर आए हैं अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'।
इसे सुनने के लिए आपको अपनी व्‍यस्‍त दिनचर्या में से तकरीबन तेईस मिनिट निकालने होंगे।

सच्चिदानंद हीरानंद वात्‍स्‍यायन 'अज्ञेय' को हममें से ज्‍यादातर लोग

'शेखर, एक जीवनी' के रचनाकार के रूप में जानते हैं। कविताओं की उनकी दुनिया भी अद्भुत रही है। अज्ञेय को सन 1964 में 'आंगन के पार द्वार' काव्‍य-संग्रह के लिए 'साहित्‍य अकादमी' पुरस्‍कार दिया गया था। सन 1979 में उन्‍हें 'कितनी नावों पर कितनी बार' के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्‍कार दिया गया था। यू-ट्यूब पर अज्ञेय पर एक वृत्‍तचित्र मौजूद है। यहां देखिए। 

तो चलिए 'कॉफी हाउस' में आज सुनें 'अज्ञेय' की कहानी 'गैंगरीन'।


Story : Gangrene 
Writer: 'Agyeya'
Voice: Yunus khan 

Duration: 23 20 



एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे।


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हमेशा की तरह अब तक की कहानियों की सूची-
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'

लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
 

तो अब मिलते हैं अगले रविवार एक नयी कहानी के साथ 

6 टिप्पणियाँ:

  1. VERY GOOD STORY!SIR KBHI-KBHI HUM APNI GHISI PITI JINDGI ME ITNA LIN HO JATE HAI KI HUME APNE WTAVRAN AUR USME HONE WALI SUKHDAYI DRISHYO KO BHI NHI DEKH PATE!!!! THANK'S SIR

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  2. Was searching for it...for so long..thanks yunus ji..aapke prayas saraahniya hain...or vividh bharti k sath aapka hona hamara saubhagya..!! thanks

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  3. बहुत सुन्दर और मार्मिक कहानी है .. Although substantial differences exist, I am reminded of story in movie Anuradha. By the way, a small injury in the foot caused by a thorn can indeed cause Gangrene in a diabetic's foot.

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  4. यूँ तो इसे मालती की कहानी समझा जायेगा, पर हमारे लिये तो यह हिन्दुस्तान के दूर-दराज़ के ग्रामीण और पर्वतीय इलाकों की “सरकारी डिस्पेंसरियों” में काम करने वाले हज़ारों-लाखों डॉ० महेश्वरों की कहानी है !

    सच तो यही है कि किसी भी डॉ० महेश्वर के पल्ले बँधने वाली किसी भी मालती की ज़िन्दगी की बस यही कहानी हो सकती है !

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  5. बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं

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