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रविवार, 16 जून 2013

भीष्‍म साहनी की कहानी 'चीफ़ की दावत' . स्‍वर यूनुस ख़ान

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'कॉफी हाउस' की ये दूसरी ही पोस्‍ट है।

पिछले एक सप्‍ताह में जिस तरह सभी ने हमारा उत्‍साह बढ़ाया है, किन शब्‍दों में उसका आभार व्‍यक्‍त किया जाए। इस सप्‍ताह 'कॉफ़ी हाउस' में गूंज रही है भीष्‍म साहनी की मार्मिक कहानी 'चीफ़ की दावत'।
चित्र साभार- गद्यकोश विकी 

इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपनी जिंदगी से 19 मिनिट चौदह सेकेन्‍ड निकालने होंगे। आपको बता दें कि इस कहानी की डाउनलोड लिंक नीचे दी गयी है। उस पर क्लिक करते ही आप 'डिवशेयर' पर पहुंचेंगे--जहां तकरीबन पंद्रह सेकेन्‍ड के इंतज़ार के बाद कहानी की एम-पी3 फाइल आपके कंप्‍यूटर पर डाउनलोड हो सकेगी। इसे आप अपने मोबाइल, टैबलेट, लैप-टॉप या आई-पॉड जैसे उपकरणों पर संजो सकते हैं। और अपने मित्रों और आत्‍मीयों के साथ साझा कर सकते हैं।

पिछली प्रस्‍तुति 'गिल्‍लू' भी डाउनलोड के लिए उपलब्‍ध है।
'कॉफी-हाउस' के ज़रिये हम हर रविवार एक नयी कहानी का पाठ करेंगे।
'कॉफी-हाउस' पर हर दौर की कहानियों की प्रस्‍तुति होगी।


story: chief ki daawat
writer: bhisham sahni
voice: yunus khan
duration: 19 14




ये रही डाउनलोड कड़ी 
ऊपर की लिंक पर क्लिक करेंगे तो आप डिव-शेयर की साइट पर पहुंचेंगे। जहां हरे रंग वाले डाउनलोड बॉक्‍स को क्लिक करने के तकरीबन पंद्रह सेकेन्‍ड के इंतज़ार के बाद डाउनलोड शुरू हो जायेगा।




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'कॉफी हाउस' की ये दूसरी ही पोस्‍ट है।

पिछले एक सप्‍ताह में जिस तरह सभी ने हमारा उत्‍साह बढ़ाया है, किन शब्‍दों में उसका आभार व्‍यक्‍त किया जाए। इस सप्‍ताह 'कॉफ़ी हाउस' में गूंज रही है भीष्‍म साहनी की मार्मिक कहानी 'चीफ़ की दावत'।
चित्र साभार- गद्यकोश विकी 

इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपनी जिंदगी से 19 मिनिट चौदह सेकेन्‍ड निकालने होंगे। आपको बता दें कि इस कहानी की डाउनलोड लिंक नीचे दी गयी है। उस पर क्लिक करते ही आप 'डिवशेयर' पर पहुंचेंगे--जहां तकरीबन पंद्रह सेकेन्‍ड के इंतज़ार के बाद कहानी की एम-पी3 फाइल आपके कंप्‍यूटर पर डाउनलोड हो सकेगी। इसे आप अपने मोबाइल, टैबलेट, लैप-टॉप या आई-पॉड जैसे उपकरणों पर संजो सकते हैं। और अपने मित्रों और आत्‍मीयों के साथ साझा कर सकते हैं।

पिछली प्रस्‍तुति 'गिल्‍लू' भी डाउनलोड के लिए उपलब्‍ध है।
'कॉफी-हाउस' के ज़रिये हम हर रविवार एक नयी कहानी का पाठ करेंगे।
'कॉफी-हाउस' पर हर दौर की कहानियों की प्रस्‍तुति होगी।


story: chief ki daawat
writer: bhisham sahni
voice: yunus khan
duration: 19 14




ये रही डाउनलोड कड़ी 
ऊपर की लिंक पर क्लिक करेंगे तो आप डिव-शेयर की साइट पर पहुंचेंगे। जहां हरे रंग वाले डाउनलोड बॉक्‍स को क्लिक करने के तकरीबन पंद्रह सेकेन्‍ड के इंतज़ार के बाद डाउनलोड शुरू हो जायेगा।




16 टिप्पणियाँ:

  1. भई, हम सम्मोहित हैं....
    रचनाकार और रचनावाचक - दोनों की कला से !
    टिप्पणी के लिये आगे और शब्द नहीं मिल रहे अब !
    -"डाक साब"

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  2. बहुत आभार ...इस आवाज में कहानियों को सुनना ...बहुत सुकून देगा ....
    मुझे खुशी इस बात की हो रही है कि सबके लिए सहज उपलब्ध हो गये आप लोग ...
    धन्यवाद इस विस्तार के लिए ....

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  3. धन्यवाद.. मैं सुन तो पा रहा हूँ लेकिन डाउनलोड का विकल्प नहीं है.

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  4. Sorry friens...i was traveling... isliye download lInk miss hua hai...abhi thodi der mein link laga diyaa jayegaa

    जवाब देंहटाएं
  5. मार्मिक रचना . युनुस खान की आवाज में यह कहानी कितनी ख़ास बन पड़ी है. धन्यवाद :)

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  6. Oh!!!!! Yunus Ji, Kya kahu, kuch kaha nahi ja raha ha, koi shabad nahi mil rahe.
    Bahut Shukriya.

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर! मार्मिक कहानी! बहुत अच्छा रिकार्ड किया।

    हमारे यहां दस मिनट के बाद अटक गया पॉडकास्ट। फ़िर सुनते हैं।

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  8. dhanyavad is technical jamane me hamare sahitya online ho rahe hai isase jyada khushi ki baat aur kya !

    jo log bhi isake liye lage hai unko sadar naman aap log bahut bada kaam kar rahe hai

    जवाब देंहटाएं
  9. आधुनिक टेक्नालॉजी के माध्यम से कालजयी साहित्यिक रचनाओं को सब तक पहँचाने के लिए आप बधाई के पात्र हैं। कहानी तो श्रेष्ठ है ही साथ ही कॉफी हाउस के प्रस्तुतकर्ताओं आप और ममताजी ने अपनी प्रतिभा से नए लोगों को भी सीखने की प्रेरणा दी है।

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  10. television was addictive and hypnotic , now one can listen and read good stories comfortably

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  11. relates to the modern man"s world of competition to rise in status , pleasing the seniors, family supports yet for the family it is done and they are forgotten, thanx for bringing such positive and useful themes read out, i need not strain my eyes, i simply love listening and enjoy them

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  12. Wonderful story.
    The timeless misery of this story is so real,makes my heart melt.
    एक सुझाव : कृपया कथा का रचनाकाल भी लिखें/बताएं|

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