इस बार सुनिए हरिशंकर परसाई की रचना 'चिरऊ महाराज' (स्वर यूनुस ख़ान)
"
'कॉफी हाउस' में आज हम पहली बार हरिशंकर परसाई की रचना प्रस्तुत कर रहे हैं।
शायद जबलपुर से ताल्लुक़ होने की वजह से हमारा परसाई जी और उनके व्यंग्य से गहरा अनुराग रहा है। ज़ाहिर है कि भविष्य में परसाई जी की और रचनाएं भी 'कॉफ़ी-हाउस' पर आयेंगी।
मुमकिन है कि प्रस्तुत रचना 'चिरऊ महाराज' कई लोगों ने ना पढ़ी हो।परसाई जी की कई ऐसी रचनाएं हैं जो बहुत मशहूर भले ना हुई हों (मशहूर होने का भी तो अपना समीकरण और तामझाम होता है) पर उनकी धार वैसी ही है। फिर याद दिला दें कि 'कॉफी हाउस' की रचनाओं को डाउनलोड और शेयर किया जा सकता है। हर रचना के नीचे हम डाउनलोड कड़ी दे रहे हैं। अगर कोई तकनीकी समस्या हो रही हो, तो कृपया फ़ौरन बताएं।
Story: Chirau Maharaj
Writer: Hari shankar parsai
Voice: Yunus khan
Duration: 12.20 Minutes
ये रही डाउनलोड कड़ी
इससे पहले की प्रस्तुतियां 'गिल्लू', 'चीफ़ की दावत', 'सयानी बुआ', 'एक छोटा-सा मज़ाक', 'काकी' डाउनलोड एवं सुनने के लिए उपलब्ध हैं। 'कॉफी हाउस' के ज़रिये हम हर रविवार एक नयी कहानी का पाठ करेंगे। तो मिलते हैं अगले रविवार।
"
शायद जबलपुर से ताल्लुक़ होने की वजह से हमारा परसाई जी और उनके व्यंग्य से गहरा अनुराग रहा है। ज़ाहिर है कि भविष्य में परसाई जी की और रचनाएं भी 'कॉफ़ी-हाउस' पर आयेंगी।
मुमकिन है कि प्रस्तुत रचना 'चिरऊ महाराज' कई लोगों ने ना पढ़ी हो।परसाई जी की कई ऐसी रचनाएं हैं जो बहुत मशहूर भले ना हुई हों (मशहूर होने का भी तो अपना समीकरण और तामझाम होता है) पर उनकी धार वैसी ही है। फिर याद दिला दें कि 'कॉफी हाउस' की रचनाओं को डाउनलोड और शेयर किया जा सकता है। हर रचना के नीचे हम डाउनलोड कड़ी दे रहे हैं। अगर कोई तकनीकी समस्या हो रही हो, तो कृपया फ़ौरन बताएं।
Story: Chirau Maharaj
Writer: Hari shankar parsai
Voice: Yunus khan
Duration: 12.20 Minutes
ये रही डाउनलोड कड़ी
इससे पहले की प्रस्तुतियां 'गिल्लू', 'चीफ़ की दावत', 'सयानी बुआ', 'एक छोटा-सा मज़ाक', 'काकी' डाउनलोड एवं सुनने के लिए उपलब्ध हैं। 'कॉफी हाउस' के ज़रिये हम हर रविवार एक नयी कहानी का पाठ करेंगे। तो मिलते हैं अगले रविवार।
'कॉफी हाउस' में आज हम पहली बार हरिशंकर परसाई की रचना प्रस्तुत कर रहे हैं।
शायद जबलपुर से ताल्लुक़ होने की वजह से हमारा परसाई जी और उनके व्यंग्य से गहरा अनुराग रहा है। ज़ाहिर है कि भविष्य में परसाई जी की और रचनाएं भी 'कॉफ़ी-हाउस' पर आयेंगी।
मुमकिन है कि प्रस्तुत रचना 'चिरऊ महाराज' कई लोगों ने ना पढ़ी हो।परसाई जी की कई ऐसी रचनाएं हैं जो बहुत मशहूर भले ना हुई हों (मशहूर होने का भी तो अपना समीकरण और तामझाम होता है) पर उनकी धार वैसी ही है। फिर याद दिला दें कि 'कॉफी हाउस' की रचनाओं को डाउनलोड और शेयर किया जा सकता है। हर रचना के नीचे हम डाउनलोड कड़ी दे रहे हैं। अगर कोई तकनीकी समस्या हो रही हो, तो कृपया फ़ौरन बताएं।
Story: Chirau Maharaj
Writer: Hari shankar parsai
Voice: Yunus khan
Duration: 12.20 Minutes
ये रही डाउनलोड कड़ी
इससे पहले की प्रस्तुतियां 'गिल्लू', 'चीफ़ की दावत', 'सयानी बुआ', 'एक छोटा-सा मज़ाक', 'काकी' डाउनलोड एवं सुनने के लिए उपलब्ध हैं। 'कॉफी हाउस' के ज़रिये हम हर रविवार एक नयी कहानी का पाठ करेंगे। तो मिलते हैं अगले रविवार।
शायद जबलपुर से ताल्लुक़ होने की वजह से हमारा परसाई जी और उनके व्यंग्य से गहरा अनुराग रहा है। ज़ाहिर है कि भविष्य में परसाई जी की और रचनाएं भी 'कॉफ़ी-हाउस' पर आयेंगी।
मुमकिन है कि प्रस्तुत रचना 'चिरऊ महाराज' कई लोगों ने ना पढ़ी हो।परसाई जी की कई ऐसी रचनाएं हैं जो बहुत मशहूर भले ना हुई हों (मशहूर होने का भी तो अपना समीकरण और तामझाम होता है) पर उनकी धार वैसी ही है। फिर याद दिला दें कि 'कॉफी हाउस' की रचनाओं को डाउनलोड और शेयर किया जा सकता है। हर रचना के नीचे हम डाउनलोड कड़ी दे रहे हैं। अगर कोई तकनीकी समस्या हो रही हो, तो कृपया फ़ौरन बताएं।
Story: Chirau Maharaj
Writer: Hari shankar parsai
Voice: Yunus khan
Duration: 12.20 Minutes
ये रही डाउनलोड कड़ी
इससे पहले की प्रस्तुतियां 'गिल्लू', 'चीफ़ की दावत', 'सयानी बुआ', 'एक छोटा-सा मज़ाक', 'काकी' डाउनलोड एवं सुनने के लिए उपलब्ध हैं। 'कॉफी हाउस' के ज़रिये हम हर रविवार एक नयी कहानी का पाठ करेंगे। तो मिलते हैं अगले रविवार।
सुबह-सुबह परसाईजी की रचना युनूस महाराज की आवाज में सुनना अद्भुत अनुभव। जय हो।
जवाब देंहटाएंजाने-पहचाने लोग में यह रचना ’चिरऊ महाराज’ के नाम से है। परसाईजी ने इसमें अद्भुत संस्मरण लिखे हैं। इस संस्मरण का लिंक ये रहा:http://hindini.com/fursatiya/archives/305
अपने सिद्धान्तों पर जीने का सुख धन की चकाचौॆध से बहुत आनन्दमयी होता है, अत्यन्त ही संप्रेषणीय कण्ठ।
जवाब देंहटाएंवाह..मजा आ गया..आपने ब्रजेन्द्र मोहन जी की याद ताजा कर दी।
जवाब देंहटाएंVery nice.... It reminded me my college days.
जवाब देंहटाएंवाह! मजा आ गया यूनुस भाई..
जवाब देंहटाएंvery good comred
जवाब देंहटाएंLAL SALAM
बहुत सुन्दर यूनुस जी …परसाई जी की रचना आपकी आवाज में सुनकर बहुत अच्छा लगा . परसाई जी की रचना प्रस्तुत करने के लिए आप बधाई के पात्र हैं ….
जवाब देंहटाएंबड़ी मुसीबत है !
जवाब देंहटाएंअग़र किसी दिन किसी ज़रूरी काम में फँस जायें और थोड़ी-सी देर हो जाए यहाँ आने में, तो मुंह की बात पहले ही छीन लेते हैं प्रवीण और ब्रजेश जी जैसे लोग !
जाइये, अब हम कुछ नहीं कहते आज !!
- "डाक साब"
पहली बार आप का कथा पाठ सुना,बहुत अच्छी प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंऐसे सीधे सरल लोग अब कहाँ होते हैं...
जवाब देंहटाएंसाधुवाद के शब्द नहीं सूझ रहे हैं। इसे कहानियों का ऐसा खजाना बना देना कि आने वाली पीढियों जिन्हें शायद पढने में दिलचस्पी न हो, उन्हें भी हिंदी साहित्य से अनुराग हो जाये।
जवाब देंहटाएंबच्चों के लिये भी कहानियां रिकॉर्ड करो।
आशीष देवलिया
download नहीं कर पा रहा. कोई आसान लिंक रखिये..
जवाब देंहटाएंपहली प्रस्तुति गिल्लू आसानी से डाउनलोड हो गयी. फिर उस तरह का आसान लिंक नहीं मिल पा रहा है. DivShare से डाउनलोड करना बहुत आसान है. मेरा कनेक्शन धीमा है तो यह संभव नहीं लग रहा कि बिना डाउनलोड किये इसे निर्बाध सुना जा सके. आप मेरी चिंता से वाकिफ होंगे. शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंडॉ. रमाकांत राय जी। डाउनलोड डिवशेयर से भी आसान है। आप पायेंगे कि डाउनलोड कड़ी पर क्लिक करते ही प्लेयर नये पेज पर खुलता है। वहां प्लेयर पर राइट क्लिक करके save audio as सिलेक्ट कीजिए। और मन मुताबिक सेव कर लीजिए। बस हो गया।
जवाब देंहटाएंफिर भी दिक्कत आए तो बताईयेगा। आप देखेंगे कि नयी पोस्ट में दो डाउनलोड कडियां हैं। डिव शेयर और आर्काइव डॉट ऑर्ग दोनों की।
जवाब देंहटाएंहरिशंकर परसाई जी की रचना चिरऊ महाराज यूनुस जी की असेअसज़ में
जवाब देंहटाएंहरिशंकर परसाई जी की रचना चिरऊ महाराज यूनुस जी की असेअसज़ में
जवाब देंहटाएं