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रविवार, 20 जुलाई 2014

कविता की कहानी 'ज़ायका' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

"
'कॉफी हाउस' में हम हर रविवार आपके लिए लेकर आते हैं किसी एक कहानी का पाठ।
मक़सद है कहानियों को सुनने की मोहलत पैदा की जाए।
इस बदहवास समय में कहानी ऑडियो पर उपलब्‍ध हो तो तकनीक की उंगली पकड़कर उसे साथ लेकर चला जा सकता है।

बहरहाल। हर रविवार की तरह आज भी हम हाजि़र हैं।
और आज आपके लिए लेकर आए हैं कविता की कहानी 'ज़ायका'। युवा कहानीकार कविता के कई कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। मेरी नाप के कपड़े, उलटबॉंसी और नदी जो अब भी बहती है। उनके दो उपन्‍यास आए हैं। 'मेरा पता कोई और है' और 'नदी जो अब भी बहती है'।

इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त समय में से तकरीबन चौदह मिनिट निकालने होंगे। और हां कहानी को आप डाउनलोड भी कर सकते हैं। और अपने दोस्‍तो, रिश्‍तेदारों के साथ शेयर भी।

Story: Zaaika
Writer: Kavita
Voice: Yunus khan
Duration 14 19



एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे।



ये रहे डाउनलोड लिंक
Download link 1
Download link 2

अब मिलेंगे अगले रविवार।


ये भी कह दें कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करके अपने मित्रों-आत्‍मीयों के साथ बांट सकते हैं। साझा कर सकते हैं। कोई समस्‍या है तो ये ट्यूटोरियल पढ़ें

अब तक की कहानियों की सूची- 
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन' 
हुस्‍न तबस्‍सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
दुष्‍यंत की कहानी 'यार तुम भी बस' 
ग़ज़ाल ज़ैगम की कहानी 'नमस्‍ते बुआ' 

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'कॉफी हाउस' में हम हर रविवार आपके लिए लेकर आते हैं किसी एक कहानी का पाठ।
मक़सद है कहानियों को सुनने की मोहलत पैदा की जाए।
इस बदहवास समय में कहानी ऑडियो पर उपलब्‍ध हो तो तकनीक की उंगली पकड़कर उसे साथ लेकर चला जा सकता है।

बहरहाल। हर रविवार की तरह आज भी हम हाजि़र हैं।
और आज आपके लिए लेकर आए हैं कविता की कहानी 'ज़ायका'। युवा कहानीकार कविता के कई कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। मेरी नाप के कपड़े, उलटबॉंसी और नदी जो अब भी बहती है। उनके दो उपन्‍यास आए हैं। 'मेरा पता कोई और है' और 'नदी जो अब भी बहती है'।

इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त समय में से तकरीबन चौदह मिनिट निकालने होंगे। और हां कहानी को आप डाउनलोड भी कर सकते हैं। और अपने दोस्‍तो, रिश्‍तेदारों के साथ शेयर भी।

Story: Zaaika
Writer: Kavita
Voice: Yunus khan
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एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे।



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अब मिलेंगे अगले रविवार।


ये भी कह दें कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करके अपने मित्रों-आत्‍मीयों के साथ बांट सकते हैं। साझा कर सकते हैं। कोई समस्‍या है तो ये ट्यूटोरियल पढ़ें

अब तक की कहानियों की सूची- 
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
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एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
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उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
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ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
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उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
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स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन' 
हुस्‍न तबस्‍सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
दुष्‍यंत की कहानी 'यार तुम भी बस' 
ग़ज़ाल ज़ैगम की कहानी 'नमस्‍ते बुआ' 

1 टिप्पणियाँ:

  1. कविता जी, आपकी 'ज़ायका' कहानी सुनी यूनुस जी से।

    कितना ज़िंदा दिल है अंदाज़े बयां आपका कि जिसने इस
    दोपहर में हमें झपकी तक न लेने दी !पूरे 14:14 मिनट्स
    तक। जैसी अभिव्यक्ति कहानी की वैसा ही ओतप्रोत पठन
    यूनुस जी का !

    बिना कुछ ज़्यादा लिखे भी कहानी की स्थानीयता हमारे
    ज़हन में स्पष्ट होती सी और दृश्य भी दिन के प्रकाश से…
    चिंतन भी कहानी में संयमित सा… कहीं कोई बेवजह
    की लफ़्फ़ाज़ी नहीं।

    अब जब किसी को पास लाकर खड़ा किया जाए तो 'आस'
    का बंधना भी लाज़मी है… पर यह भी देखा है कि पुरुष की
    यही आस एक अंतहीन इंतज़ार में तब्दील हो जाती है …
    ऐसा अंतहीन इंतज़ार जहां पर वह असमंजस सा भीतर ही
    भीतर कुढ़ता रहे और अपनी समझ से परे एक अस्वीकार्य
    वास्तव को झेलता रहे। जबकि लड़की अपनी सहजता से
    अपना जीवन साथी चुन अपनी दुनियां में गुम हो जाए
    सदा-सदा के ही लिए।

    कविता जी आपके जद्दोजहद भरे दिल्ली वाले दिनों की यादों
    का एहसास भी है यहाँ इन कहानियां में और उमंगते
    एहसासात भी मिले इन अभिव्यक्तियों में… यही ज़रिया है
    की हम भी गवाह रहे हैं आपकी कुछ-कुछ ज़िंदगी के इन्हीं
    कहानियों उपन्यासों को पढ़कर…

    साहित्य में 'बेस' बड़ा मज़बूत है आपका जो जीवन सरीखा है
    और भाषाई कौशल भी… जो आपको यहां सदा बनाए रखेगा।

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