दुष्यंत की कहानी -'यार तुम भी बस' (आवाज़ें यूनुस ख़ान और ममता सिंह की)
"
'कॉफी-हाउस' लेकर हम हर रविवार उपस्थित होते हैं।
हमारा मक़सद है कहानियों के वाचन की परंपरा को कायम रखना।
इस बदहवास समय में पढ़ने की मोहलत ना मिले तो भी सुनने की मोहलत निकालना।
एक साल से ज्यादा से हमारा ये सफ़र जारी है।
आज हम लेकर आए हैं जयपुर के कथाकार दुष्यंत की कहानी 'यार तुम भी बस'।
ये कहानी संवाद की शैली में है। दिलचस्प बात ये है कि संवाद की शैली में हम 'कॉफी-हाउस' में एक और कहानी पेश कर चुके हैं। सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'। जिसे आप सभी ने बहुत पसंद किया था। इस शैली में आगे चलकर हम कुछ और कहानियां लेकर आएंगे। हमारा मानना है कि कथा और नाटक का ये मिला-जुला प्रयोग सुनने में बहुत ही दिलचस्प हो सकता है।
दुष्यंत कथाकार, कवि और पत्रकार हैं। दुष्यंत की पुस्तकें 'प्रेम का अन्य' (कविता संग्रह), 'जुलाई की एक रात' (कहानी संग्रह) और 'स्त्रियां पर्दे से प्रजातंत्र तक' (शोधपरक पुस्तक) पर्याप्त चर्चित हैं। ये भी कह दें कि इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्यस्त जीवन में से केवल छह मिनिट ही ख़र्च करने होंगे।
Story: Yaar Tum Bhi Bas
Writer: Dushyant
Voice: Mamta Singh and Yunus Khan
Duration: 6 11
एक और प्लेयर ताकि सनद रहे
ये रहीं डाउनलोड कडियां
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हमारा मक़सद है कहानियों के वाचन की परंपरा को कायम रखना।
इस बदहवास समय में पढ़ने की मोहलत ना मिले तो भी सुनने की मोहलत निकालना।
एक साल से ज्यादा से हमारा ये सफ़र जारी है।
आज हम लेकर आए हैं जयपुर के कथाकार दुष्यंत की कहानी 'यार तुम भी बस'।
ये कहानी संवाद की शैली में है। दिलचस्प बात ये है कि संवाद की शैली में हम 'कॉफी-हाउस' में एक और कहानी पेश कर चुके हैं। सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'। जिसे आप सभी ने बहुत पसंद किया था। इस शैली में आगे चलकर हम कुछ और कहानियां लेकर आएंगे। हमारा मानना है कि कथा और नाटक का ये मिला-जुला प्रयोग सुनने में बहुत ही दिलचस्प हो सकता है।
दुष्यंत कथाकार, कवि और पत्रकार हैं। दुष्यंत की पुस्तकें 'प्रेम का अन्य' (कविता संग्रह), 'जुलाई की एक रात' (कहानी संग्रह) और 'स्त्रियां पर्दे से प्रजातंत्र तक' (शोधपरक पुस्तक) पर्याप्त चर्चित हैं। ये भी कह दें कि इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्यस्त जीवन में से केवल छह मिनिट ही ख़र्च करने होंगे।
Story: Yaar Tum Bhi Bas
Writer: Dushyant
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ये भी कह दें कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करके अपने मित्रों-आत्मीयों के साथ बांट सकते हैं। साझा कर सकते हैं। कोई समस्या है तो ये ट्यूटोरियल पढ़ें।
अब तक की कहानियों की सूची-
अब तक की कहानियों की सूची-
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्लू'
भीष्म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी ‘वापसी’
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्ता'
लू शुन की कहानी ‘आखिरी बातचीत'
प्रत्यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ‘ग्लोबलाइज़ेशन’
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्यंग्य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर'
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन'
मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन'
गीताश्री की कहानी ''लबरी'
हृदयेश की कहानी 'तोते'
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन'
हुस्न तबस्सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
मन्नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन'
हुस्न तबस्सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
'कॉफी-हाउस' लेकर हम हर रविवार उपस्थित होते हैं।
हमारा मक़सद है कहानियों के वाचन की परंपरा को कायम रखना।
इस बदहवास समय में पढ़ने की मोहलत ना मिले तो भी सुनने की मोहलत निकालना।
एक साल से ज्यादा से हमारा ये सफ़र जारी है।
आज हम लेकर आए हैं जयपुर के कथाकार दुष्यंत की कहानी 'यार तुम भी बस'।
ये कहानी संवाद की शैली में है। दिलचस्प बात ये है कि संवाद की शैली में हम 'कॉफी-हाउस' में एक और कहानी पेश कर चुके हैं। सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'। जिसे आप सभी ने बहुत पसंद किया था। इस शैली में आगे चलकर हम कुछ और कहानियां लेकर आएंगे। हमारा मानना है कि कथा और नाटक का ये मिला-जुला प्रयोग सुनने में बहुत ही दिलचस्प हो सकता है।
दुष्यंत कथाकार, कवि और पत्रकार हैं। दुष्यंत की पुस्तकें 'प्रेम का अन्य' (कविता संग्रह), 'जुलाई की एक रात' (कहानी संग्रह) और 'स्त्रियां पर्दे से प्रजातंत्र तक' (शोधपरक पुस्तक) पर्याप्त चर्चित हैं। ये भी कह दें कि इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्यस्त जीवन में से केवल छह मिनिट ही ख़र्च करने होंगे।
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आज हम लेकर आए हैं जयपुर के कथाकार दुष्यंत की कहानी 'यार तुम भी बस'।
ये कहानी संवाद की शैली में है। दिलचस्प बात ये है कि संवाद की शैली में हम 'कॉफी-हाउस' में एक और कहानी पेश कर चुके हैं। सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'। जिसे आप सभी ने बहुत पसंद किया था। इस शैली में आगे चलकर हम कुछ और कहानियां लेकर आएंगे। हमारा मानना है कि कथा और नाटक का ये मिला-जुला प्रयोग सुनने में बहुत ही दिलचस्प हो सकता है।
दुष्यंत कथाकार, कवि और पत्रकार हैं। दुष्यंत की पुस्तकें 'प्रेम का अन्य' (कविता संग्रह), 'जुलाई की एक रात' (कहानी संग्रह) और 'स्त्रियां पर्दे से प्रजातंत्र तक' (शोधपरक पुस्तक) पर्याप्त चर्चित हैं। ये भी कह दें कि इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्यस्त जीवन में से केवल छह मिनिट ही ख़र्च करने होंगे।
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अब तक की कहानियों की सूची-
अब तक की कहानियों की सूची-
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्लू'
भीष्म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी ‘वापसी’
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्ता'
लू शुन की कहानी ‘आखिरी बातचीत'
प्रत्यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ‘ग्लोबलाइज़ेशन’
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
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मन्नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन'
हुस्न तबस्सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
मन्नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति'
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन'
हुस्न तबस्सुम निहां की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां'
कथाकार दुष्यन्त की कहानी और विविध भारती के उद्घोषक युनुस व ममता सिंह की आवाज़...तीनों पर फिदा हो गई। समसामयिक कहानी, बहुत सुंदर। आप तीनों को बधाई।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंकहानी का मर्म आवाज में नहीं आया. आवाज में भाव के अनुसार कोई उतर चढ़ाव नही। माफ़ कीजियेगा पर किस्सागोई में कहानी के साथ न्याय नहीं हुआ। आपके कहने का लहज़ा वो नहीं रहा जो भाव लेकर किरदार ने कहानी में कहा होगा। जरा सोचियेगा इस बारे में
जवाब देंहटाएंवाह। मजेदार लगी कहानी और आवाज तो माशाल्लाह।
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