'कॉफी हाउस' की पहली सालगिरह और स्वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की' (आवाज़ ममता सिंह)
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कथा-पाठ के ब्लॉग 'कॉफी हाउस' को हमने पिछले बरस 9 जून को शुरू किया था।
यानी इस सप्ताह हम इस ब्लॉग की यात्रा का एक वर्ष पूरा कर रहे हैं।
ज़ाहिर है कि ये प्रसन्नता और हर्ष का मौक़ा है।
साल भर की अपनी इस यात्रा में हमने अंदाज़न छप्पन कहानियां पेश की हैं।
इनमें चेखव भी हैं, प्रेमचंद भी, परसाई भी हैं और मार्खेज भी। इनमें मंटो भी हैं और गुलज़ार भी, महादेवी वर्मा, मन्नू भंडारी, प्रत्यक्षा, गीताश्री, मनीषा कुलश्रेष्ठ....पूरी फ़ेहरिस्त क्या पेश करें। हर पोस्ट के नीचे हम कहानियों की फ़ेहरिस्त इसलिए देते आए हैं ताकि रूचिकर लगें तो आप उन्हें खोजकर सुन पाएं।
साल भर की अपनी इस यात्रा में हमने बहुत आत्मीय प्रतिक्रियाएं हासिल कीं।
लेखकों ने खुले हृदय से अपनी रचनाओं के पाठ की इजाज़त दी, कुछ रचनाएं हमने पहले पढ़ीं, बाद में लेखकों को सूचना दी गयी। कुल मिलाकर इस अभियान के ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर हमारी परीक्षा कई स्तरों पर हुई। सबसे बड़ी चुनौती थी नियमितता की। हमें स्वयं यक़ीन नहीं था कि हम लगातार साल भर कहानियां प्रस्तुत कर पायेंगे।
बहरहाल...एक बरस पूरा हुआ। उम्मीद है ये कारवां आगे भी इसी तरह बढ़ता रहेगा।
उम्मीद तो ये भी है कि आप सुधि-श्रोता कहानियों को डाउनलोड कर रहे हैं। और इनकी एक स्वतंत्र यात्रा भी चल रही है, एक-दूसरे से ऑडियो फाइल साझा करते हुए। कई मित्रों ने बताया कि वे जन्मदिन या इतर मौक़ों पर इन कहानियों को एक सीडी पर प्रिंट करके उपहार में दे रहे हैं। हर्ष की बात है।
कहानियां सुनने-सुनाने की विराट परंपरा में ये हमारा क्षुद्र सा योगदान भर है।
आज 'कॉफी हाउस' पर हम लेकर आए हैं भोपाल निवासी कथाकार स्वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'। ये कहानी 'नया ज्ञानोदय' के फ़रवरी 2012 अंक में प्रकाशित हुई थी। कहानी की अवधि है तकरीबन सोलह मिनिट।
Story: Boond Gulaab Jal Ki
Writer: Swati Tiwari
Voice: Mamta Singh
Duration: 15 57
एक और प्लेयर ताकि सनद रहे
ये रहे डाउनलोड लिंक
Download link 1
Download link 2
आपकी प्रतिक्रियाओं का सदैव स्वागत।
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यानी इस सप्ताह हम इस ब्लॉग की यात्रा का एक वर्ष पूरा कर रहे हैं।
ज़ाहिर है कि ये प्रसन्नता और हर्ष का मौक़ा है।
साल भर की अपनी इस यात्रा में हमने अंदाज़न छप्पन कहानियां पेश की हैं।
इनमें चेखव भी हैं, प्रेमचंद भी, परसाई भी हैं और मार्खेज भी। इनमें मंटो भी हैं और गुलज़ार भी, महादेवी वर्मा, मन्नू भंडारी, प्रत्यक्षा, गीताश्री, मनीषा कुलश्रेष्ठ....पूरी फ़ेहरिस्त क्या पेश करें। हर पोस्ट के नीचे हम कहानियों की फ़ेहरिस्त इसलिए देते आए हैं ताकि रूचिकर लगें तो आप उन्हें खोजकर सुन पाएं।
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बहरहाल...एक बरस पूरा हुआ। उम्मीद है ये कारवां आगे भी इसी तरह बढ़ता रहेगा।
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आज 'कॉफी हाउस' पर हम लेकर आए हैं भोपाल निवासी कथाकार स्वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'। ये कहानी 'नया ज्ञानोदय' के फ़रवरी 2012 अंक में प्रकाशित हुई थी। कहानी की अवधि है तकरीबन सोलह मिनिट।
Story: Boond Gulaab Jal Ki
Writer: Swati Tiwari
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ये भी कह दें कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करके अपने मित्रों-आत्मीयों के साथ बांट सकते हैं। साझा कर सकते हैं। कोई समस्या है तो ये ट्यूटोरियल पढ़ें।
अब तक की कहानियों की सूची-
अब तक की कहानियों की सूची-
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्लू'
भीष्म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी ‘वापसी’
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्ता'
लू शुन की कहानी ‘आखिरी बातचीत'
प्रत्यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ‘ग्लोबलाइज़ेशन’
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्यंग्य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर'
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन'
मनीषा कुलश्रेष्ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन'
गीताश्री की कहानी ''लबरी'
हृदयेश की कहानी 'तोते'
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
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साल भर की अपनी इस यात्रा में हमने अंदाज़न छप्पन कहानियां पेश की हैं।
इनमें चेखव भी हैं, प्रेमचंद भी, परसाई भी हैं और मार्खेज भी। इनमें मंटो भी हैं और गुलज़ार भी, महादेवी वर्मा, मन्नू भंडारी, प्रत्यक्षा, गीताश्री, मनीषा कुलश्रेष्ठ....पूरी फ़ेहरिस्त क्या पेश करें। हर पोस्ट के नीचे हम कहानियों की फ़ेहरिस्त इसलिए देते आए हैं ताकि रूचिकर लगें तो आप उन्हें खोजकर सुन पाएं।
साल भर की अपनी इस यात्रा में हमने बहुत आत्मीय प्रतिक्रियाएं हासिल कीं।
लेखकों ने खुले हृदय से अपनी रचनाओं के पाठ की इजाज़त दी, कुछ रचनाएं हमने पहले पढ़ीं, बाद में लेखकों को सूचना दी गयी। कुल मिलाकर इस अभियान के ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर हमारी परीक्षा कई स्तरों पर हुई। सबसे बड़ी चुनौती थी नियमितता की। हमें स्वयं यक़ीन नहीं था कि हम लगातार साल भर कहानियां प्रस्तुत कर पायेंगे।
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आज 'कॉफी हाउस' पर हम लेकर आए हैं भोपाल निवासी कथाकार स्वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'। ये कहानी 'नया ज्ञानोदय' के फ़रवरी 2012 अंक में प्रकाशित हुई थी। कहानी की अवधि है तकरीबन सोलह मिनिट।
Story: Boond Gulaab Jal Ki
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हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी ‘वापसी’
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्ता'
लू शुन की कहानी ‘आखिरी बातचीत'
प्रत्यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ‘ग्लोबलाइज़ेशन’
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
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अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
ममता कालिया की कहानी ‘लैला मजनूं’
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
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जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
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शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन'
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तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
'कॉफी हाउस' की पहली सालगिरह पर हम सब कथा-प्रेमियों की ओर से ढेरों बधाई और शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंआपके जितना ही हम सब के लिये भी प्रसन्नबता और हर्ष का मौक़ा है ये ।
सच पूछिये तो आप क्या स्वयं हमें भी यक़ीन नहीं था कि आप लगातार साल भर कहानियां प्रस्तुत कर पायेंगे।
;-)
( आपके एक से बढ़ कर एक नायाब दूसरे ब्लॉगों का ट्रैक-रिकॉर्ड देखते हुए )
और इसीलिये हम अचम्भित और चमत्कृत हैं - आप दोनों की वाचिक प्रस्तुतिकरण की असाधारण प्रतिभा से भी अधिक आपकी नियमितता से !!
:-)
वैसे हमने तो सोचा था कि शायद आज के इस ख़ासम-ख़ास मौके पर कोई एक ऐसी कहानी आयेगी, जिसमें आवाज़ की दुनिया की तीनों नामचीन प्रतिभाओं की आवाज़ एक साथ होगी ।
( जी हाँ ! आप दोनों के साथ-साथ नन्हे जादू जी भी शामिल हैं प्रतिभाओं की हमारी इस सूची में )
फ़िलहाल उस कहानी का इन्तज़ार रहेगा हम सबको !!
अब तो हमें उम्मीद ही नहीं बल्कि पूर यक़ीन है इस कारवां के आगे भी इसी तरह लगातार बढ़ते रहने का।
एक बार पुन: हार्दिक बधाई और शुभकामनायें !
Bahot bahot mubarak ho apko-niharika,lko
जवाब देंहटाएंअरे !
जवाब देंहटाएंपहली सालगिरह के जोशे-जश्न में आज की इतनी अच्छी, मर्मस्पर्शी कहानी और उसकी प्रस्तुति की प्रशंसा करना तो भूल ही गये हम !!
पहली सालगिरह पर हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंकिन कहानियों अथवा कविताओं को जगह दी जाती है? क्या हमारी रचना पर विचार किया जायेगा?
जवाब देंहटाएं