Sosial media

कॉफी हाऊस क्‍यों

कॉफी-हाऊस पर गूंजेंगी हर दौर की कहानियां। भागदौड़ के इस युग में इन कहानियों का ऑडियो डाउनलोड करके वितरित किया जा सकता है। ताकि आप गैजेट्स के ज़रिये इन कहानियों के साथ रहें।

Read more
image01

Revolution

यातना के क्षण मेरे अपने हैं, आज जब सब-कुछ पीछे छूट गया है तो लगता है कि ये क्षण ही मेरे प्रिय क्षण हैं और उनसे उपजी कहानियां ही प्रिय कहानियां......मन्‍नू भंडारी

Read more
image01

Warm welcome

अपनी पुरानी कहानियाँ पढ़ते हुए गहरा आश्चर्य होता है कि मैंने ही उन्हें कभी लिखा था। लगता है कि मैं किसी अजनबी लेखक की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ जिसे मैं पहले कभी जानता था।.....निर्मल वर्मा था।.....निर्मल वर्मा

Read more
image01

हर रविवार एक कहानी

कॉफी-हाउस आपका ब्‍लॉग है। हर रविवार एक कहानी। आप हमें कहानियां सुझा सकते हैं। हम समकालीन लेखकों की कहानियां भी उनकी सहमति प्राप्‍त करके पढ़ना चाहेंगे।

Read more
image01

रविवार, 8 मार्च 2015

संदीप मील की कहानी 'बाक़ी मसले' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफी हाउस' कहानियों के वाचन का ब्‍लॉग है। हम हर सप्‍ताह कोशिश करते हैं एक नयी कहानी के साथ रविवार को आपसे मुखातिब हो सकें। इस रविवार हम लेकर आए हैं युवा कथाकार संदीप मील की कहानी--'बाक़ी मसले' संदीप का पहला कहानी संग्रह 'दूजी मीरा' हाल ही में आया...

रविवार, 1 मार्च 2015

मन्‍नू भंडारी की कहानी 'सयानी बुआ'।

हाल ही में हमारी प्रिय कथाकार मन्‍नू भंडारी को 'शब्‍द साधक शिखर सम्‍मान' दिये जाने की घोषण की गयी है। इस मौक़े पर बधाई सजित हम कॉफी हाउस में लेकर आए हैं उनकी मशहूर कहानी 'सयानी बुआ'। मन्‍नू जी के मुताबिक़ ये उनके बहुत शुरूआती दौर की कहानी है। मन्‍नू...

रविवार, 15 फ़रवरी 2015

जाफ़र मेहदी जाफ़री की कहानी 'सफेद फूल' (आवाज़ ममता सिंह की)

'कॉफ़ी हाउस' कहानियों के वाचन का ब्‍लॉग है। हम हर रविवार आने का प्रयास करते हैं किसी एक कहानी के साथ। ताकि कहानियां सुनने की परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं जाफ़र मेहदी जाफ़री की कहानी 'सफेद फूल'। जाफ़र का इसी नाम से कहानी...

रविवार, 8 फ़रवरी 2015

शिवानी का संस्‍मरण 'अरूंधती' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफी हाउस' कहानियों के वाचन का ब्‍लॉग है। पर मोटे तौर पर हम कहानियों के अलावा, व्‍यंग्‍य और संस्‍मरणों का भी वाचन करते रहे हैं। आगे हमारी योजना कविताओं और लेखों तक अपना दायरा बढ़ाने की है। मक़सद यही है कि छपे हुए शब्‍दों को बोले हुए शब्‍दों में बदलकर...

रविवार, 25 जनवरी 2015

रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी 'काबुलीवाला' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफी हाउस' कथा-वाचन का ब्‍लॉग है। हम हर रविवार एक कहानी लेकर हाजिर होते हैं। ये सिलसिला कमोबेश लगातार चलता रहा है। और आज हम आपके लिए लेकर आये हैं रवींद्रनाथ टैगोर की एक कालजयी कहानी 'काबुलीवाला'। 'काबुलीवाला' बहुत पढ़ी और सुनी गयी कहानी है। इस पर फिल्‍म भी बन चुकी है। कई पीढियों ने इसे अपने पाठ्यक्रम में पढ़ा है। उम्‍मीद है कि 'काबुलीवाला' का ये वाचन आपको बचपन की याद दिलायेगा। और नयी पीढ़ी भी इसी बहाने इससे परिचित हो सकेगी। यहां...

रविवार, 18 जनवरी 2015

विमलेश त्रिपाठी की कहानी 'पिता' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफ़ी-हाउस' में साल 2015 की ये पहली पोस्‍ट है। अनेक कारणों से पहली बार ब्‍लॉग पर तीन सप्‍ताह का अंतराल आया। इसकी बड़ी वजह थी कनेक्टिविटी। बहरहाल... हमारा प्रयास है कि 'कॉफी-हाउस' पर ऑडियो लगातार आते रहें। बिना किसी अंतराल के। आज हम लेकर आये हैं युवा कवि और कथाकार विमलेश त्रिपाठी की कहानी 'पिता'। विमलेश के कविता संग्रह हैं--'हम बचे रहेंगे' और 'एक देश और मरे हुए लोग'। 'अधूरे अंत की शुरूआत' कथा-संग्रह है। और 'कैनवस पर प्रेम'...