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रविवार, 25 अगस्त 2013

इस बार अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन' (स्‍वर यूनुस ख़ान)

'कॉफी-हाउस' में हर रविवार कथा-पाठ का सिलसिला जारी है।
हमारा मक़सद है कि हम कथा-पाठ का एक ख़ज़ाना तैयार करें। और घर-परिवारों में इन्‍हें सुनने की परंपरा स्‍थापित हो। पिछले सप्‍ताह जब मनीष ने बताया कि उन्‍होंने सपरिवार कहानी 'वापसी' सुनी....तो बहुत अच्‍छा लगा। हम ये मानकर चल रहे हैं कि आप इन कहानियों को डाउनलोड करेंगे। और अपने आत्‍मीयों में बांटेंगे। इनका प्रसार करेंगे। और हां...आप हमें कोई ऐसी कालजयी कहानी भी सुझा सकते हैं--जिसे आप 'कॉफी-हाउस' में सुनना चाहें।

इस बार हम लेकर आए हैं अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'।

अमरकांत ज्ञानपीठ पुरस्‍कार से सम्‍मानित रचनाकार हैं। विकिपीडिया पर पता चला कि यशपाल उन्‍हें 'गोर्की' कहा करते थे। रचनात्‍मकता की दृष्टि से अमरकांत को 'गोर्की' के समकक्ष बताते हुए यशपाल ने लिखा था --'क्‍या केवल आयु कम होने या हिंदी में प्रकाशित होने के कारण ही अमरकांत गोर्की की तुलना में कम संगत मान लिए जायें। जब मैंने अमरकांत को गोर्की कहा था, उस समय मेरी स्‍मृति में गोर्की की कहानी 'शरद की रात' थी। उस कहानी ने एक साधनहीन व्‍यक्ति की परिस्थितियां और उन्‍हें पैदा करने वाले कारणों के प्रति जिस आक्रोश का अनुभव मुझे दिया था, उसके मिलते-जुलते रूप मुझे अमरकांत की कहानियों में दिखाई दिये।' बहरहाल.. आपको बता दें कि इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन से तकरीबन सोलह मिनिट निकालने होंगे।

Story: Dopahar Ka Bhojan
Writer: Amarkant
Voice: Yunus Khan
Duration: 15 33


एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे


हमेशा की तरह ये बताना चाहेंगे कि इस कहानी को डाउनलोड किया जा सकता है। कोई दिक्‍कत हो तो बेहिचक बतायें।
डाउनलोड कड़ी एक  
डाउनलोड कड़ी दो।


'कॉफी-हाउस' में आप ये कहानियां भी सुन सकते हैं। अर्चना जी की राय है कि हर कहानी लिंक के साथ दी जाए। दरअसल अब तक पढ़ी कहानियों तक 'बक्‍सा कहानियों का' और 'categories' खंड से पहुंचा जा सकता है।
हमेशा की तरह अब तक की कहानियों की सूची:
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी

तो मिलते हैं अगले रविवार एक नयी कहानी के साथ। 

शनिवार, 17 अगस्त 2013

इस बार उषा प्रियंवदा की कहानी 'वापसी' (स्‍वर ममता सिंह का)

'कथा-पाठ' के ब्‍लॉग 'कॉफी-हाउस' में हर रविवार को हम एक नयी कहानी लेकर प्रस्‍तुत होते हैं।
कथा-पाठ की इस यात्रा को हम कहानियों की विविधताओं के ज़रिये नये आयाम देना चाहते हैं।
लेकिन कथा-पाठ का सफ़र धीमा और ठोस हो तो अच्‍छा रहेगा।

इस बार हम लेकर आये हैं वरिष्‍ठ लेखिका उषा प्रियंवदा की कहानी-'वापसी' उषा जी को हम ख़ासतौर पर 'पचपन खंभे लाल दीवारें', 'शेष यात्रा' और 'रूकोगी नहीं राधिका' की रचनाकार के तौर पर जानते हैं। 'वापसी' उनकी बेहद महत्‍वपूर्ण कहानी है।

इसे सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से तकरीबन बाईस मिनिट निकालने होंगे।
ये तो आप जानते ही हैं कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को डाउनलोड किया जा सकता है।
पिछले कुछ सप्‍ताहों से हम जब मुमकिन हो दो लिंक दे रहे हैं।
अगर डाउनलोड में कोई दिक्‍कत हो तो आप बेहिचक हमसे संपर्क कर सकते हैं।
'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करें और उन्‍हें अपने मोबाइल-फ़ोन, टैबलेट या लैपटॉप वग़ैरह के ज़रिये अपने प्रियजनों तक पहुंचाए--ये बहुत आवश्‍यक है। ताकि हम अपने घरों में कहानियों को पढ़ने के साथ-साथ सुनने का सिलसिला भी शुरू कर सकें।

Story: Waapsi
Writer: Usha Priyamvada
Voice: Mamta Singh
Duration: 21 42



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डाउनलोड कड़ी:
डिवशेयर से डाउनलोड करें यहां क्लिक करके 
आर्काइव से डाउनलोड करें यहां क्लिक करके 

'कॉफी-हाउस' में अब तक पढ़ी गयी कहानियों की सूची-

महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में

इन सभी कहानियों को डाउनलोड किया जा सकता है।
'कॉफी-हाउस' पर हम आपकी प्रतिक्रियाओं और आपके सुझावों का सदैव इंतज़ार करते हैं।
मिलते हैं अगले रविवार।

रविवार, 11 अगस्त 2013

दो बाल कहानियां (स्‍वर 'बड़े भैया' विजय बोस का)

'कॉफी-हाउस' में हर रविवार हम एक कहानी का पाठ लेकर प्रस्‍तुत होते हैं।

इस रविवार की प्रस्‍तुति पिछली तमाम प्रस्‍तुतियों से अलग और विशेष है।
आज हम आकाशवाणी इलाहाबाद की गुज़रे ज़माने की मशहूर आवाज़ 'बड़े भैया' यानी विजय बोस का स्‍वर लेकर उपस्थित हुए हैं। इलाहाबाद में पले-बढ़े लोगों को 'बड़े भैया' का प्रस्‍तुत किया बच्‍चों का कार्यक्रम 'बाल संघ' ज़रूर याद होगा। वो रेडियो का स्‍वर्णयुग था। और ये आवाज़ें बेहद मकबूल हुआ करती थीं।

बड़े भैया की आवाज़ में आज दो कहानियां प्रस्‍तुत की जा रही हैं।
विदित हो कि बड़े भैया की उम्र तकरीबन छियासी वर्ष है। और उन्‍होंने सीमित साधनों में बच्‍चों की इन कहानियों को रिकॉर्ड किया है। रिकॉर्डिंग पर उम्र का असर भले  नज़र आए.. पर इसमें आपको ऊर्जा की कमी कतई नज़र नहीं आयेगी। इन दोनों कहानियों के ज़रिये हम समय के ख़ज़ाने में इस स्‍वर को संजोने का प्रयास भी कर रहे हैं।

ये कहानियां संभवत: उन लोगों को बहुत ज्‍यादा लुभायेंगी--जिन्‍हें 'बड़े भैया' की आवाज़ का 'स्‍वर्ण-युग' देखा सुना है।

Story: Akalmand Hans (अकलमंद हंस)
Voice: Vijay Bose "Bade bhaiya"
Duration: 4 14


एक और प्‍लेयर (ताकि सनद रहे)

Story: Kaamchor Deepu (कामचोर दीपू)
Voice: Vijay Bose "Bade bhaiya"
Duration: 3 37


एक और प्‍लेयर (ताकि सनद रहे)


बड़े भैया के बारे में ज्‍यादा जानने के लिए आप इन दो लिंक्‍स पर जा सकते हैं।
रेडियोनामा की पोस्‍ट एक 
रेडियोनामा की पोस्‍ट दो 
यू-ट्यूब वीडियो ये रहा 

अगले महीने इक्‍कीस सितंबर को बड़े भैया अपना जन्‍मदिन मनायेंगे। हमारी कामना है कि वे शतायु हों।

डाउनलोड कड़ी:  अकलमंद हंस 
डाउनलोड कड़ी: कामचोर दीपू 


'कथा-पाठ' पर उपलब्‍ध अन्‍य कहानियां। जिन्‍हें सुना या डाउनलोड किया जा सकता है।
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी-'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी- 'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी--'एक छोटा-सा मज़ाक'
सियारामशरण गुप्‍त की कहानी - 'काकी'
हरिशंकर परसाई की कहानी -'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी- 'एक और तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी- 'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी ’ममता’ 

रविवार, 4 अगस्त 2013

जयशंकर प्रसाद की कहानी 'ममता' (स्‍वर ममता सिंह)

'कॉफी-हाउस' में हम हर हफ्ते लेकर आते हैं एक नयी कहानी का पाठ। ये कहानियां डाउनलोड की जा सकती हैं और शेयर भी की जा सकती हैं।

आज हम लेकर आये हैं जयशंकर प्रसाद की कहानी 'ममता'।
'ममता' की गिनती हिंदी साहित्‍य की कालजयी कहानियों में होती है। 'कॉफी-हाउस' में हम आगे भी प्रसाद जी की कुछ रचनाओं को पढ़ेंगे। इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से नौ मिनिट निकालने होंगे।

आपको बता दें कि कहानियों को डाउनलोड करना मुश्किल नहीं है।
यहां हम डिवशेयर का डाउनलोड लिंक दे  रहे हैं। कड़ी पर क्लिक करते ही आप एक नये पेज पर पहुंचेंगे। जहां हरे रंग से डाउनलोड लिंक नज़र आयेगा। उस पर क्लिक कीजिए। पंद्रह सेकेन्‍ड प्रतीक्षा कीजिए और बस फाइल डाउनलोड हो जायेगी।
चित्र साभार- इस साइट से 


Stroy: Mamta
Writtten By: Shri Jai shankar 'Prasad'
Voice: Mamta singh
Durtaion: 9 01


'कॉफी हाउस' में इससे पहले आप ये रचनाएं सुन चुके हैं।
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी-'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी- 'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी--'एक छोटा-सा मज़ाक'
सियारामशरण गुप्‍त की कहानी - 'काकी'हरिशंकर परसाई की कहानी -'चिरऊ महाराज'

सुधा अरोड़ा की कहानी- 'एक और तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी- 'सहपाठी'।

तो मिलते हैं अगले रविवार एक नयी कहानी के साथ।
डाउनलोड कड़ी--ये रही।