tag:blogger.com,1999:blog-7320890533745928931.post5105589962970613729..comments2023-11-30T14:13:45.449+05:30Comments on कॉफी-हाउस: हुस्न तबस्सुम निहॉं की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)Yunus Khanhttp://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7320890533745928931.post-83550259882485699422014-07-04T20:59:51.091+05:302014-07-04T20:59:51.091+05:30कल मैंने ज्ञानरंजन कीकहानी 'अमरुद का पेड़ '...कल मैंने ज्ञानरंजन कीकहानी 'अमरुद का पेड़ ' कॉफ़ी-हाउस में सुनी .नई कहानी की विशेषताएँ कहानी में मौजूद हैं .अमरुद का पेड़ कहानी का नायक बन गया है.लेखक कहानी के पूरे परिवेश को इस पेड़ के इर्द गिर्द उसके उगने ,मिटने तथा पुनः उगने का संकेत देकर जिजीविषा का बिम्ब जीवित कर देता है .पकी भाषा में कहानी सार्थक अभिव्यक्ति है .<br />Alok Choubeyhttps://www.blogger.com/profile/17882836775954279082noreply@blogger.com