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रविवार, 29 जून 2014

हुस्‍न तबस्‍सुम निहॉं की कहानी 'नीले पंखों वाली लड़कियां' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफी-हाउस' कहानी-पाठ का ब्‍लॉग है।
हमारा मक़सद है इस बेहतर दौड़ते-भागते वक्‍त में अगर कहानियां पढ़ने की जगह ना बन पा रही हो तो कम-से-कम सुनने की जगह बना ली जाए।

एक साल से ज़्यादा के अपने सफ़र में हमने तकरीबन पांच दर्जन कहानियां पढ़ी हैं। और इन कहानियों को डाउनलोड के लिए उपलब्‍ध भी करवाया है। ताकि आप इन्‍हें साझा कर सकें। संजो सकें। ख़ास मौक़ों पर अपने अज़ीज़ों को तोहफ़े में दे सकें।

'कॉफी-हाउस' पर आज हुस्‍न तबस्‍सुम निहॉं की कहानी पेश है 'नीले पंखों वाली लड़कियां'। इसी नाम से हुस्‍न का कहानी संग्रह भी प्रकाशित है।  इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से कुल तकरीबन तेरह मिनिट ख़र्च करने होंगे। हमेशा की तरह इस कहानी के डाउनलोड लिंक भी दिये जा रहे हैं।

Story: Neele Pankhon Waali Ladkiyan
Writer: Husn Tabassum Nihan
Voice: Yunus Khan
Duration: 12:20



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अब तक की कहानियों की सूची- 
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति' 
हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन' 

रविवार, 22 जून 2014

आज सुनिए हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन' (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

कथा-पाठ के ब्‍लॉग 'कॉफी-हाउस' के ज़रिए हम हर सप्‍ताह लेकर आते हैं एक कहानी का वाचन।

'कॉफी-हाउस' में इस सप्‍ताह हम लाए हैं हरि भटनागर की कहानी 'ग्रामोफ़ोन'। ये कहानी दरअसल दो नामों से पहचानी जाती है।
इसका दूसरा प्रचलित नाम है 'जाफ़र मियां की शहनाई'।


हरि भटनागर भोपाल में रहते हैं। और हम लंबे समय से उनकी कहानियों के शैदाई हैं।
इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने वयस्‍त जीवन में से तकरीबन 19 मिनिट निकालने होंगे।

Story: Gramophone
Writer: Hari Bhatnagar.
Voice: Yunus Khan
Duration: 18 16




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अब तक की कहानियों की सूची- 
महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'
मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति' 

रविवार, 15 जून 2014

मन्‍नू भंडारी की कहानी 'मुक्ति': सालगिरह पर विशेष (आवाज़ यूनुस खान की)


कथा-पाठ के ब्‍लॉग 'कॉफी-हाउस' में आज हम मना रहे हैं जानी-मानी कथाकार मन्‍नू भंडारी की सालगिरह।
प्रसिद्ध कथाकार सुधा अरोड़ा जी ने इस अवसर की याद दिलायी। मन्‍नू जी अपना जन्‍मदिन बारह जून को मानती हैं। ये कहानी भी सुधा अरोड़ा जी ने ही उपलब्‍ध करवाई है।

मन्‍नू जी किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं।
इतना कहना चाहते हैं कि इससे पहले भी 'कॉफी हाउस' पर हम उनकी कहानी का वाचन कर चुके हैं।
'सयानी बुआ' कहानी को यहां क्लिक करके सुना जा सकता है।
जाहिर है कि आगे भी यहां मन्‍नू जी की कहानियों को यदा-कदा प्रस्‍तुत किया जाता रहेगा।
                              

                                              तस्‍वीर सौजन्‍य- सुधा अरोड़ा
इस बार की कहानी 'मुक्ति' को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से बीस मिनिट निकालने होंगे।
हर बार की तरह डाउनलोड लिंक दिये जा रहे हैं। जन्‍मदिन मुबारक मन्‍नू जी।

Story: Mukti
Writer: Manuu Bhandari
Voice: Yunus Khan
Duration: 20 09


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सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
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अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
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ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
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जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
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शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
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गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
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मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी 'मुहब्‍बत'
मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की' 

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रविवार, 8 जून 2014

'कॉफी हाउस' की पहली सालगिरह और स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की' (आवाज़ ममता सिंह)

कथा-पाठ के ब्‍लॉग 'कॉफी हाउस' को हमने पिछले बरस 9 जून को शुरू किया था।
यानी इस सप्‍ताह हम इस ब्‍लॉग की यात्रा का एक वर्ष पूरा कर रहे हैं।
ज़ाहिर है कि ये प्रसन्‍नता और हर्ष का मौक़ा है।

साल भर की अपनी इस यात्रा में हमने अंदाज़न छप्‍पन कहानियां पेश की हैं।
इनमें चेखव भी हैं, प्रेमचंद भी, परसाई भी हैं और मार्खेज भी। इनमें मंटो भी हैं और गुलज़ार भी, महादेवी वर्मा, मन्‍नू भंडारी, प्रत्‍यक्षा, गीताश्री, मनीषा कुलश्रेष्‍ठ....पूरी फ़ेहरिस्‍त क्‍या पेश करें। हर पोस्‍ट के नीचे हम कहानियों की फ़ेहरिस्‍त इसलिए देते आए हैं ताकि रूचिकर लगें तो आप उन्‍हें खोजकर सुन पाएं।

साल भर की अपनी इस यात्रा में हमने बहुत आत्‍मीय प्रतिक्रियाएं हासिल कीं।
लेखकों ने खुले हृदय से अपनी रचनाओं के पाठ की इजाज़त दी, कुछ रचनाएं हमने पहले पढ़ीं, बाद में लेखकों को सूचना दी गयी। कुल मिलाकर इस अभियान के ऊबड़-खाबड़ रास्‍ते पर हमारी परीक्षा कई स्‍तरों पर हुई। सबसे बड़ी चुनौती थी निय‍मितता की। हमें स्‍वयं यक़ीन नहीं था कि हम लगातार साल भर कहानियां प्रस्‍तुत कर पायेंगे।

बहरहाल...एक बरस पूरा हुआ। उम्‍मीद है ये कारवां आगे भी इसी तरह बढ़ता रहेगा।
उम्‍मीद तो ये भी है कि आप सुधि-श्रोता कहानियों को डाउनलोड कर रहे हैं। और इनकी एक स्‍वतंत्र यात्रा भी चल रही है, एक-दूसरे से ऑडियो फाइल साझा करते हुए। कई मित्रों ने बताया कि वे जन्‍मदिन या इतर मौक़ों पर इन कहानियों को एक सीडी पर प्रिंट करके उपहार में दे रहे हैं। हर्ष की बात है।

कहानियां सुनने-सुनाने की विराट परंपरा में ये हमारा क्षुद्र सा योगदान भर है।


आज 'कॉफी हाउस' पर हम लेकर आए हैं भोपाल निवासी कथाकार स्‍वाति तिवारी की कहानी 'बूंद गुलाब जल की'। ये कहानी 'नया ज्ञानोदय' के फ़रवरी 2012 अंक में प्रकाशित हुई थी। कहानी की अवधि है तकरीबन सोलह मिनिट।

Story: Boond Gulaab Jal Ki
Writer: Swati Tiwari
Voice: Mamta Singh
Duration: 15 57


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जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
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स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
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विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
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कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
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मंटो की कहानी 'टोबा टेकसिंह'
  

रविवार, 1 जून 2014

टोबा टेक सिह: सआदत हसन मंटो की कहानी (आवाज़ यूनुस ख़ान की)

'कॉफी-हाउस' कथा-पाठ का ब्‍लॉग है।
कहानियों के वाचन का ब्‍लॉग। पिछले तकरीबन एक साल में हमने दुनिया भर के विभिन्‍न कथाकारों की कहानियों का वाचन किया है। और ये कहते हुए हमें हर्ष हो रहा है कि अगले सप्‍ताह हम 'कॉफी-हाउस' की पहली सालगिरह मनाएंगे।

मंटो को सौ बरस से ऊपर हो गए। वो 1912 में मई की ग्‍यारहवीं तारीख़ को पैदा हुए थे। 1955 में उनका इंतकाल हुआ था। यानी उन्‍हें गए भी तकरीबन साठ बरस हो गए।
पर क्‍या सचमुच इस दौरान उनकी अनुपस्थिति रही है।
तकरीबन हर दौर में..हर बदहवास दौर में उनका जिक्र हुआ है।
इसलिए 'कॉफी-हाउस' पर मंटो की ये कालजयी कहानी प्रस्‍तुत करते हुए हमें अपनी खुशनसीबी का अहसास खूब हो रहा है।

Stroy: Toba Tek Singh
Write: Saadat Hasan Manto
Voice: Yunus Khan
Duration: 15: 58




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महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
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मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'
सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट'
एस. आर. हरनोट की कहानी 'मोबाइल'
स्‍वयं प्रकाश की कहानी 'नीलकांत का सफर'
जादू की कहानी 'बदमाश कौआ'
प्रेमचंद गांधी की कहानी--'31 दिसंबर की रात''
रवींद्र कालिया की कहानी- 'गोरैया'।
अरविंद की कहानी 'रेडियो'
लक्ष्‍मी शर्मा की कहानी 'बातें'
हरिशंकर परसाई का व्‍यंग्‍य 'ठिठुरता हुआ गणतंत्र'
चंदन पांडे की कहानी 'मोहर'
कैलाश वानखेड़े की कहानी 'सत्‍यापित'
विभा रानी की कहानी 'मोहन जोदाड़ो की नंगी मूरत'
अमरकांत की कहानी 'पलाश के फूल'
उपेंद्रनाथ अश्‍क की कहानी 'डाची'।
ज्ञानरंजन की कहानी 'अमरूद का पेड़'
कुर्रतुल-ऐन-हैदर की कहानी- 'फोटोग्राफर' 
शशिभूषण द्विवेदी की कहानी --'छुट्टी का दिन' 
मनीषा कुलश्रेष्‍ठ की कहानी 'मौसम के मकान सूने हैं'
प्रभात रंजन की कहानी -'पत्र लेखक, साहित्‍य और खिड़की'
गुलज़ार की कहानी 'तकसीम'
गैब्रिएल गार्सिया मार्केज़ की दो कहानियां 'गांव में कुछ बहुत बुरा होने वाला है' और 'ऐसे ही किसी दिन' 
गीताश्री की कहानी ''लबरी' 
हृदयेश की कहानी 'तोते' 
मधु अरोड़ा की कहानी 'मुक्ति'
तरूण भटनागर की कहानी 'ढिबरियों की क़ब्रगाह'
जगदंबा प्रसाद दीक्षित की कहानी