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रविवार, 1 दिसंबर 2013

सूर्यबाला की कहानी 'दादी और रिमोट' (स्‍वर ममता सिंह)

"
'कॉफी-हाउस' पर हम हर रविवार आपके लिए लेकर आते हैं हिंदी में किसी एक कहानी का पाठ। पिछले कई महीनों में हमने कई-कई कहानियों को आप तक पहुंचाया है। इनमें विश्‍व कथा साहित्‍य के अनमोल नगीने भी शामिल हैं और हिंदी की कई पीढियों के कथाकारों की कहानियां भी। दरअसल 'कॉफी-हाउस' का मक़सद है कहानियों को 'सुनने-सुनाने' का एक सिलसिला कायम करना। आज के व्‍यस्‍त समय में 'सुनना' शायद 'पढ़ने' से ज्‍यादा सुलभ और संभव होता जा रहा है। ख़ासकर नई पीढ़ी के लिए। क्‍या पता, इस तरह सुनकर पढ़ने की इच्‍छा भी पैदा हो सके।

बहरहाल..इस सप्‍ताह हिंदी की ख़ूब लोकप्रिय और आत्‍मीय कथाकार

सूर्यबाला की कहानी प्रस्‍तुत की जा रही है-'दादी और रिमोट'। कहानी दिखाती है कि आधुनिक महानगरीय जीवन में ग्रामीण बुज़ुर्गों की कैसी और कितनी जगह बची रह गयी है। सूर्यबाला कुछ कहानियां आप यहां और यहां पढ़ सकते हैं। चित्र साभार- इस ब्‍लॉग से। आपको बता दें कि इस कहानी को सुनने के लिए आपको अपने व्‍यस्‍त जीवन में से तकरीबन इक्‍कीस मिनिट निकालने होंगे।

ये भी दोहराना ज़रूरी है कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को डाउनलोड करके आपस में साझा किया जा सकता है।

Stroy: Daadi Aur Remote
Writer: Suryabala
Voice: Mamta Singh
Duration: 21:14



एक और प्‍लेयर ताकि सनद रहे



ये रही डाउनलोड कडियां
डाउनलोड कड़ी एक 
डाउनलोड कड़ी दो 
ये भी कह दें कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को आप डाउनलोड करके अपने मित्रों-आत्‍मीयों के साथ बांट सकते हैं। साझा कर सकते हैं। कोई समस्‍या है तो ये ट्यूटोरियल पढ़ें

अब तक की कहानियों की सूची- 

महादेवी वर्मा की रचना--'गिल्‍लू'
भीष्‍म साहनी की कहानी--'चीफ़ की दावत'
मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
एंतोन चेखव की कहानी- 'एक छोटा-सा मज़ाक़'
सियाराम शरण गुप्‍त की कहानी-- 'काकी'
हरिशंकर परसाई की रचना--'चिरऊ महाराज'
सुधा अरोड़ा की कहानी--'एक औरत तीन बटा चार'
सत्‍यजीत रे की कहानी--'सहपाठी'
जयशंकर प्रसाद की कहानी--'ममता'
दो बाल कहानियां--बड़े भैया के स्‍वर में
उषा प्रियंवदा की कहानी वापसी
अमरकांत की कहानी 'दोपहर का भोजन'
ओ. हेनरी की कहानी 'आखिरी पत्‍ता'
लू शुन की कहानी आखिरी बातचीत'
प्रत्‍यक्षा की कहानी 'बलमवा तुम क्‍या जानो प्रीत'
अज्ञेय की कहानी 'गैंगरीन'
महादेवी वर्मा का संस्‍मरण 'सोना हिरणा'
ओमा शर्मा की कहानी ग्‍लोबलाइज़ेशन
ममता कालिया की कहानी 
लैला मजनूं
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब'
सूरज प्रकाश की कहानी 'दो जीवन समांतर'
कुमार अंबुज की कहानी 'एक दिन मन्‍ना डे'
अमृता प्रीतम की कहानी- 'एक जीवी, एक रत्‍नी, एक सपना'
जादू की सुनाई पापा की कहानी 'बादल भाई'
उदय प्रकाश की कहानी-'नेलकटर'

तो अब अगले रविवार मिलेंगे, किसी और रोचक कहानी के पाठ के साथ। आप डाउनलोड करके कहानियों को साझा कर रहे हैं ना। एक छोटा-सा काम और कीजिएगा। 'कॉफी-हाउस' के बारे में अपने साथियों को अवश्‍य बताईयेगा। 

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'कॉफी-हाउस' पर हम हर रविवार आपके लिए लेकर आते हैं हिंदी में किसी एक कहानी का पाठ। पिछले कई महीनों में हमने कई-कई कहानियों को आप तक पहुंचाया है। इनमें विश्‍व कथा साहित्‍य के अनमोल नगीने भी शामिल हैं और हिंदी की कई पीढियों के कथाकारों की कहानियां भी। दरअसल 'कॉफी-हाउस' का मक़सद है कहानियों को 'सुनने-सुनाने' का एक सिलसिला कायम करना। आज के व्‍यस्‍त समय में 'सुनना' शायद 'पढ़ने' से ज्‍यादा सुलभ और संभव होता जा रहा है। ख़ासकर नई पीढ़ी के लिए। क्‍या पता, इस तरह सुनकर पढ़ने की इच्‍छा भी पैदा हो सके।

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ये भी दोहराना ज़रूरी है कि 'कॉफी-हाउस' की कहानियों को डाउनलोड करके आपस में साझा किया जा सकता है।

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अब तक की कहानियों की सूची- 

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मन्‍नू भंडारी की कहानी-'सयानी बुआ'
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तो अब अगले रविवार मिलेंगे, किसी और रोचक कहानी के पाठ के साथ। आप डाउनलोड करके कहानियों को साझा कर रहे हैं ना। एक छोटा-सा काम और कीजिएगा। 'कॉफी-हाउस' के बारे में अपने साथियों को अवश्‍य बताईयेगा। 

6 टिप्पणियाँ:

  1. ममता जी और युनुस भाई को साधुवाद ...शब्द नही हैं आभार व्यक्त करने के लिए

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  2. भला हो 'कॉफ़ी हाउस' का !

    ये न होता तो दुनिया कभी जान ही नहीं पाती रेडियोसखी जी की विलक्षण प्रतिभा का असीमित विस्तार !!

    हम तो चमत्कृत और सम्मोहित हैं आज की कहानी में उनकी वाचन कला देखकर ।

    जादू जी को तो अभी बहुत कुछ सीखना पड़ेगा उनके पास तक भी पहुँचने के लिए; आगे निकलना तो बाद की बात है ।

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  3. वाह!! यह कहानी नहीं हकीकत सी लगती है.. और कहानी सुनाने का अन्दाज़ तो अपने नानी जी से अच्छा है ममता जी का!!

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  4. हम सब भी कहीं न कहीं दादी के समान हो गये हैं.अपने आस पास घट रही प्रतिदिन की हिंसा के प्रति पूरी तरह तटस्थ निस्पृह.थोड़ा स्फुरण-स्पंदन नहीं होता.अच्छी कहानी-अच्छा स्वर-अच्छी प्रस्तुति.

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  5. Behad sadhe huye svar me rochak kahani kee prastuti ke liye badhai mamta ji.

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